La Nina से उत्तर-पूर्व मॉनसून पड़ सकता है कमजोर, इन राज्यों के किसानों के लिए चिंता बढ़ी

La Nina से उत्तर-पूर्व मॉनसून पड़ सकता है कमजोर, इन राज्यों के किसानों के लिए चिंता बढ़ी

प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने चेताया कि कमजोर ला-नीना के असर से उत्तर-पूर्व मॉनसून की रफ्तार थम सकती है. तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में रबी फसलों पर पड़ सकता है असर, जबकि दक्षिण के कई राज्यों में फिलहाल औसत से अधिक बारिश दर्ज.

Unseasonal Rain in GujaratUnseasonal Rain in Gujarat
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 12, 2025,
  • Updated Nov 12, 2025, 12:13 PM IST

प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने उत्तर-पूर्व मॉनूसन के कुछ मंद रहने का अनुमान लगाया है. हालांकि दक्षिण के राज्यों में इस मॉनसून ने मजबूती के साथ दस्तक दी और अच्छी बारिश भी हुई. अभी तक इसकी बारिश अच्छी देखी गई है. मगर आगे इसके मंद रहने का पूर्वानुमान जारी किया गया है. 

स्काईमेट ने ला-नीना के बारे में भी जानकारी दी है. इसमें बताया गया है कि प्रशांत महासागर के ऊपर एक कमजोर ला-नीना उभर रहा है जिसने उत्तर-पूर्व मॉनसून की गतिविधि को दबा दिया है. ऐसी स्थिति में अक्सर सामान्य से कम बारिश दर्ज की जाती है. ला-नीना और उत्तर-पूर्व मॉनसून के साथ ऐसी ही स्थिति देखी जा सकती है.

खेती-किसानी पर तगड़ी मार

ऐसे हालात में किसानों के लिए चिंता का सबब बन सकता है क्योंकि बारिश मंद पड़ी तो फसलें भी मंद पड़ जाएंगी. स्काईमेट ने आशंका जाहिर की है कि बारिश की गतिविधि अगर लंबे दिनों तक थमी रहती है तो किसानों पर बुरी मार पड़ेगी. खासकर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में जहां उत्तर-पूर्व मॉनसून खेती-किसानी के लिए बहुत मायने रखता है. इन राज्यों में रबी फसलों के लिए यही मॉनसून सिंचाई का साधन देता है और पानी की कमी को दूर करता है.

ध्यान रखने वाली बात है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया था. लेकिन स्काईमेट का पुर्वानुमान सही साबित होता है तो बारिश की मात्रा कम रह सकती है.

अभी तक औसत है बारिश

1 अक्टूबर से 9 नवंबर के बीच, दक्षिण के राज्यों में औसत की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. कई इलाकों में तो जरूरत से अधिक बारिश देखी गई है, जैसे आंध्र प्रदेश (+46 प्रतिशत), तेलंगाना (+65 प्रतिशत) और लक्षद्वीप (+35 प्रतिशत). हालांकि, तमिलनाडु में सामान्य से केवल 2 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो बताता है कि कुल मिलाकर स्थितियां औसत के करीब बनी हुई हैं.

स्काईमेट ने कहा है कि मौजूदा समय में बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य पर एक चक्रवाती सर्कुलेशन एक्टिव है, लेकिन तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश में बारिश बढ़ाने के लिए यह अनुकूल नहीं है. इसके बजाय यह सिस्टम नमी वाली उत्तर-पूर्वी हवाओं को आगे बढ़ने से रोक सकती है, जो इन तटीय क्षेत्रों में बारिश के लिए महत्वपूर्ण हैं. अगर ये नम हवाएं आगे नहीं बढ़ेंगी तो इन राज्यों में बारिश की गुंजाइश कम पड़ सकती है.

दो सिस्टम से मॉनसून को नुकसान 

इस सिस्टम के पूर्वी श्रीलंका की ओर बढ़ने की उम्मीद है, जबकि दक्षिण केरल तट के पास दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर एक और कमजोर चक्रवाती सर्कुलेशन बन सकता है. स्काईमेट ने अपने अनुमानों में कहा कि इन दोनों सिस्टम के आपसी संपर्क से दक्षिणी तमिलनाडु और श्रीलंका में हल्की से मध्यम बारिश के साथ-साथ कुछ जगहों पर भारी बारिश और दक्षिणी केरल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.

पूर्वानुमान के अनुसार आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में अगले सप्ताह कम बारिश के साथ मौसम बड़े स्तर पर शुष्क रहने की संभावना है. इसका रिजल्ट ये होगा कि दक्षिणी राज्यों में ओवरऑल बारिश की मात्रा में धीरे-धीरे कमी आने की संभावना है.

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