राजस्थान में बीते दो दिन में मौसम ने अचानक करवट बदली है. गुजरात और पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश के कारण सर्दी बढ़ी है. कई इलाकों में ओलावृष्टि और बारिश भी दर्ज हुई है. बीते 24 घंटों में कुछ भागों में हल्के से मध्यम दर्जे तक बारिश हुई है. सबसे ज्यादा बारिश सवाई माधोपुर में हुई है. यहां 29 मिमी बारिश मौसम विभाग ने दर्ज की है. वहीं, आज सुबह से जयपुर शहर को कोहरे ने अपने आगोश में लपेट लिया. दिन में कई बार हल्की बूंदाबांदी भी हुई है. इससे जयपुर में तापमान में चार-पांच डिग्री की गिरावट दर्ज हुई है. आज भी राज्य के ऊपर एक सर्कुलेशन सिस्टम बना हुआ है.
वहीं, वायुमंडल के निचले स्तरों में पूर्वी हवाओं के साथ बंगाल की खाड़ी से नमी की सप्लाई जारी है. इस तंत्र के असर से आज जयपुर, भरतपुर संभाग व शेखावाटी क्षेत्र में हल्के से मध्यम बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है. इसके अलावा पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, जयपुर व कोटा संभाग के कुछ इलाकों में अगले तीन-चार दिन बादल छाए रहने व हल्की बारिश होने की संभावना है. मौसम केन्द्र, जयपुर के अनुसार इन संभागों में कोहरा छाया रहेगा. इससे सर्दी बढ़ेगी.
मौसम केन्द्र, जयपुर से मिली जानकारी के अनुसार पश्चिमी राजस्थान के चुरू, हनुमानगढ़ व आसपास के क्षेत्र में आज भी हल्की बारिश होने व 29 नवंबर से मौसम शुष्क रहने की संभावना है. वहीं, आने वाले दो-तीन दिन राज्य में कुछ स्थानों पर घना कोहरा छाए रहने व अधिकतम तापमान औसत से 4-8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज होने की संभावना है.
आज शाम 5.30 बजे मौसम केन्द्र के फोरकास्ट के अनुसार नागौर जिले के कुछ हिस्सों में भी बूंदाबांदी और हल्की बारिश हो सकती है. इसके अलावा सीकर में भी इसी तरह का अनुमान लगाया गया है.
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सर्दी जैसे-जैसे तेज होगी, पाला पड़ने की संभावनाएं भी उतनी ज्यादा हो जाएंगी. इसका सबसे ज्यादा असर फसलों और छोटे पौधों को होता है. पौधों के बचाव के लिए धुंआ किया जा सकता है. वहीं, घास से पौधों को चारों तरफ से घेरकर बांधा जा सकता है. साथ ही पौधों में नमी बनाकर रखें ताकि पाले का असर कम से कम हो सके.
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बीते दो दिन में हुई बारिश के कारण रबी की मुख्य फसलों जैसे गेहूं और सरसों को तो फायदा होगा, लेकिन बागवानी फसलों में नुकसान हो सकता है. सब्जी, फल की खेती को बारिश और ओलों के कारण नुकसान की आशंका है.