सोमवार को कई राज्यों में भारी बारिश ने कहर बरपाया. महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां सात लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं. हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर भूस्खलन के कारण 400 सड़कें बंद हो गईं. वहीं उत्तर में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के बादल फटने से प्रभावित गांव में मलबे से दो और शव बरामद हुए, जिससे 14 अगस्त की आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है. रुक-रुक कर हो रही बारिश के बावजूद पांचवें दिन भी तलाशी अभियान जारी रहा.
महाराष्ट्र के अकोला में मूसलधार बारिश से हाहाकार मचा हुआ है. अकोला जिले में पिछले 24 घंटे से हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. जिले की मोरना, मन और पूर्णा नदियां उफान पर आ गई हैं. शहर के बीचों-बीच बहने वाली मोरना नदी से लेकर गांधीग्राम, बालापुर व आसपास के क्षेत्र बाढ़ की चपेट में हैं. अकोला से बालापुर को जोड़ने वाला मार्ग भी बंद करना पड़ा है, क्योंकि बनिया पुलिया के ऊपर से चार से पांच फीट पानी बह रहा था. सुरक्षा को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने यातायात रोक दिया.
इधर, पातुर तहसील में 60 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई. इसके चलते झारंडी गांव का संपर्क मुख्य जिले से टूट गया. जिला प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और अधिकारियों की टीम प्रभावित गांवों के संपर्क में है. बारिश के दबाव के कारण अकोला के कटिपूर्ण बांध के सभी 10 दरवाजे 60 सेंटीमीटर तक खोल दिए गए हैं, जिससे पूर्णा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है.
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में और बारिश होने की चेतावनी दी है. ऐसे में निचले इलाकों और नदी किनारे की फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है. पहले ही चौथे दिन से लगातार हो रही बाढ़ जैसी स्थिति ने किसानों की सोयाबीन, कपास और अरहर जैसी खरीफ फसलों को हजारों हेक्टेयर में नुकसान पहुंचाया है. वहीं, बालापुर तहसील की मन नदी पर बने बांध के 10 दरवाजे खोल दिए जाने से बालापुर शहर का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. नदी किनारे बसे गांवों में पानी घुसने की खबरें हैं. महेशा और मन नदीकाठ के निचले क्षेत्रों में भी जलभराव हो गया है. जिला प्रशासन ने अपील की है कि नागरिक नदी-नालों के पास न जाएं और सतर्क रहे ऐसे आदेश जिला प्रशासन ने निर्गमित किए है.
मुंबई में लगातार बारिश के कारण जलभराव से प्रभावित चेंबूर के एक अस्पताल में जाने वालों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. खराब मौसम के कारण कई उड़ानें प्रभावित हुईं, कुछ ने 'गो-अराउंड' उड़ान भरी और एक उड़ान का रूट बदला गया. एक हवाई अड्डे के अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के कारण दृश्यता कम हो गई और पहुंच मार्गों पर भीड़ बढ़ गई, जिससे आने-जाने वाले यात्रियों, दोनों को असुविधा हुई. फडणवीस ने कहा कि सोमवार को मुंबई में छह से आठ घंटों में 177 मिमी बारिश हुई.
उत्तर में जम्मू-कश्मीर के बादल फटने से प्रभावित चिसोती गांव में, बचाव दल कई स्थानों पर, खासकर लंगर (सामुदायिक रसोई) स्थल के पास, मलबे को हटाने के लिए काम कर रहे थे. वे अर्थमूवर और खोजी कुत्तों सहित मशीनों का उपयोग करके मलबे को छान रहे थे. सेना की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बल की पांच राहत टुकड़ियां बचाव और राहत कार्यों में लगी हुई हैं और अतिरिक्त चिकित्सा टीमों की तैनाती के साथ प्रयासों को और तेज कर दिया गया है. कश्मीर के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई, जिसके कारण अधिकारियों ने घाटी के संवेदनशील इलाकों में आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किए. लोगों में बारिश को देखकर डर बैठ गया है. उन्हें लगा कि शायद फिर से बादल फटा है और वो इधर-उधर भागने लगे.
हिमाचल प्रदेश में, राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई, जिससे कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुआ और तीन राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 400 सड़कें बंद हो गईं. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. शिमला-मंडी मार्ग सतलुज नदी के कटाव और भूस्खलन के कारण शिमला जिले के सुन्नी क्षेत्र में टट्टी-पानी के पास बंद कर दिया गया. रिपोर्टों के अनुसार, कुल्लू जिले में पागल नाला के पास औट-लार्गी-सैंज मार्ग पर भारी भूस्खलन के बाद लगभग 15 गांवों का सड़क संपर्क टूट गया. स्थानीय मौसम विभाग ने 21 अगस्त को छोड़कर, 24 अगस्त तक राज्य के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की येलो अलर्ट जारी किया है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आईएमडी ने मंगलवार को गरज के साथ बारिश की संभावना जताई है. वहीं अधिकारियों ने बताया कि देश के पूर्वी हिस्से में, ओडिशा में मलकानगिरी, नबरंगपुर, गजपति और कोरापुट जिलों में कम दबाव के कारण हुई बारिश से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है. पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण, मलकानगिरी ज़िले के कई निचले इलाके बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. मलकानगिरी ज़िला प्रशासन जान-माल का कोई नुकसान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क है. वहीं आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि झारखंड में 21 अगस्त से 11 जिलों में भारी बारिश का 'येलो' अलर्ट जारी किया गया है. 20 अगस्त तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है.
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