Haryana Rain Alert: आने वाले दिनों में भारी बारिश का अनुमान, धान और गन्ने की फसलों पर खतरा; अलर्ट पर पूरा प्रशासन

Haryana Rain Alert: आने वाले दिनों में भारी बारिश का अनुमान, धान और गन्ने की फसलों पर खतरा; अलर्ट पर पूरा प्रशासन

Haryana Rain Alert: हरियाणा में भारी बारिश की भविष्यवाणी के मद्देनजर, सैनी सरकार ने सभी फील्ड अधिकारियों को अपने मुख्यालयों पर रहने और 5 सितंबर तक कड़ी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है. आईएमडी ने आने वाले दिनों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ की संभावना जताई है.

भारी बारिश से फसलों को नुकसान (सांकेतिक तस्वीर)भारी बारिश से फसलों को नुकसान (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • चंडीगढ़,
  • Sep 02, 2025,
  • Updated Sep 02, 2025, 2:05 PM IST

हरियाणा के कई हिस्सों में लगातार भारी बारिश हो रही है. मगर अब अधिकारियों ने आने वाले दिनों में और बारिश की चेतावनी जारी की है. पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश के कारण सोमवार को यमुना समेत कुछ नदियों का जलस्तर बढ़ गया, जिसके चलते अधिकारियों को यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज के द्वार खोलने पड़े. एहतियात के तौर पर कुछ प्रभावित क्षेत्रों में मंगलवार को स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है. बता दें कि राज्य में लगातार बारिश से बड़े स्तर पर किसानों की फसलें पहले ही जलमग्न हो चुकी हैं.

बाढ़ प्रभावित पंजाब से आए लोगों को मिले सुविधाएं

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपायुक्तों के साथ बैठक की, राज्य भर में बारिश और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन जिलों में स्कूल बंद करने के आदेश हैं, वहां "पूरी तरह से स्कूल बंद" हों. एक बयान के अनुसार, सीएम सैनी ने निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित पंजाब से हरियाणा आने वाले लोगों के लिए तुरंत आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.

अगले 24-36 घंटों में भारी बारिश का पूर्वानुमान

नायब सिंह सैनी ने कहा कि खाद्यान्न का पर्याप्त भंडारण और समय पर भोजन की उपलब्धता के साथ-साथ पशुओं के लिए चारे की उचित व्यवस्था होनी चाहिए. मौसम विभाग के अनुसार, अंबाला, हिसार, नारनौल, रोहतक, गुरुग्राम, नूंह, पलवल, पंचकूला और सिरसा में दिन में बारिश हुई. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 24-36 घंटों के दौरान हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ व्यापक बारिश होने की संभावना है. विभाग ने कहा कि रविवार से दोनों राज्यों और चंडीगढ़ में मानसून "जोरदार" रहा है.

हथिनीकुंड बैराज छोड़ा गया 3.29 लाख क्यूसेक पानी

यमुनानगर में सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से सुबह 9 बजे 3,29,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. सोमवार को हथिनीकुंड बैराज पर यमुना में पानी का प्रवाह इस मानसून में अब तक का सबसे अधिक दर्ज किया गया. अधिकारी ने बताया कि 2.5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी का प्रवाह "उच्च बाढ़" की श्रेणी में आता है. बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर लगभग 48 घंटे लगते हैं. अधिकारियों ने बताया कि अलर्ट जारी कर दिया गया है और ज़िले तथा पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद सहित कुछ अन्य ज़िलों में यमुना के जलग्रहण क्षेत्रों में आने वाले गांवों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

सीएम सैनी ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

बैठक के दौरान, जिसमें मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए, सैनी ने निर्देश दिए कि खेतों और दूरदराज के इलाकों में जलभराव के साथ-साथ नदियों के जलस्तर पर निरंतर निगरानी रखी जाए. स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रहने का निर्देश देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अस्पतालों और मोबाइल मेडिकल टीमों को दवाओं, ओआरएस, टीकों और एम्बुलेंस सेवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए. इसी प्रकार, पशुपालन विभाग को प्रभावित क्षेत्रों में चारा, दवाइयां, टीकाकरण और सक्रिय पशु चिकित्सा टीमों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए. सैनी ने निर्देश दिए कि हरियाणा आपदा राहत बल (एचडीआरएफ) को भी अलर्ट पर रखा जाए.

धान और गन्ने की फसलों को नुकसान

इस बीच, भारी बारिश की भविष्यवाणी के मद्देनजर, हरियाणा सरकार ने सोमवार को सभी फील्ड अधिकारियों को अपने मुख्यालयों पर रहने और 5 सितंबर तक कड़ी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आने वाले दिनों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ की संभावना जताई है. अंबाला के मुलाना क्षेत्र के हेमा माजरा गांव में उफान पर आई मारकंडा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. गांव के किसानों ने कहा कि बाढ़ का पानी उनकी धान और गन्ने की फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है. पड़ोसी राज्य पंजाब के कई जिले भी बाढ़ की चपेट में हैं क्योंकि हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद सतलुज, व्यास और रावी नदियां और मौसमी छोटी नदियां उफान पर हैं.

(सोर्स- PTI)

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