मछुआरों और मत्स्य पालक किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए केंद्र और योगी सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में महिलाएं अब समाज और अर्थव्यवस्था की धुरी बन रही हैं. जौनपुर जिले की शाहगंज तहसील के सुइथाकला विकास खंड के ग्राम बुढ़ूपुर की मीरा सिंह भी सफलता की नई इबारत लिख रही हैं. कभी सीमित संसाधनों में जीवन यापन करने वाली मीरा सिंह ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में ऐसा मुकाम बनाया है, जो न केवल उनके परिवार की तकदीर बदल रहा है, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं और युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गया है.
मीरा सिंह ने आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल पेश की है. 2020-21 में एक एकड़ जमीन से शुरू किए गए मत्स्य पालन को आज 25 एकड़ तक विस्तारित कर मीरा ने न केवल अपनी पहचान प्रगतिशील मत्स्य पालक के रूप में बनाई, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन की प्रेरणा भी दी. मीरा ने बताया कि उन्हें प्रशिक्षण और हर संभव सहयोग योगी सरकार की तरफ से समय-समय पर मिलता रहा है.
दरअसल, मीरा सिंह का सफर साधारण ग्रामीण महिला से सशक्त उद्यमी तक का प्रेरणादायक किस्सा है. योगी सरकार की ‘नीली क्रांति’ और मिशन शक्ति की योजनाओं ने मीरा को 15 लाख रुपये के अनुदान और वैज्ञानिक प्रशिक्षण से सशक्त किया, जो आज 1400 क्विंटल वार्षिक उत्पादन के साथ 10 से अधिक लोगों को रोजगार दे रही हैं. 2020 में, जब उन्होंने पति जैनेंद्र सिंह के साथ मत्स्य पालन शुरू किया, तो प्रति हेक्टेयर उत्पादन महज 20 क्विंटल था. आज योगी सरकार की मत्स्य बीज हैचरी योजना ने उन्हें 15 लाख रुपये का अनुदान और तकनीकी मार्गदर्शन दिया.
मीरा सिंह कहती हैं कि पहले हमने एक एकड़ में प्रयोग किया. सरकार की मदद से सीखा कि वैज्ञानिक तरीके से कैसे उत्पादन बढ़ाया जाए. यूपी सरकार की योजनाओं ने हमें बीज, तकनीक और बाजार से जोड़ा. इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा. उन्होंने बताया कि आज 25 एकड़ में 1400 क्विंटल मछली पैदा होती है. इसमें 1250 क्विंटल पंगेशियस, 60-60 क्विंटल रोहू और भाकुर, 30 क्विंटल मृगल शामिल है. वो कहती हैं कि हम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करते हैं.
उधर, मीरा की सफलता महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का प्रतीक है. जौनपुर की रहने वाली मीरा सिंह बड़े गर्व से कहती हैं कि मिशन शक्ति ने हमें आत्मरक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता सिखाई. पति का साथ मिला, लेकिन योगी सरकार की योजनाओं ने हमें सशक्त बनाया. आज वो अपने तालाबों से मछली और बीज की आपूर्ति आसपास के गांवों में करती हैं, जिससे स्थानीय किसानों को लाभ हुआ.
उन्होंने बताया कि 10 से अधिक लोगों को रोजगार देकर मीरा ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया. मिशन शक्ति के तहत उन्हें प्रशिक्षण और संसाधन मिले, जो महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक रहे. मीरा अब अन्य महिलाओं को मत्स्य पालन सिखा रही हैं, जो स्वावलंबन की नई पीढ़ी तैयार कर रही हैं. उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि हर महिला अपनी मेहनत से आगे बढ़े. वहीं कम समय, कम लागत और कम जगह में लाखों कमाने वाली इन महिलाओं की कहानी आज की युवा पीढ़ी को प्रेरित कर सकती है.
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