समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान के तहत प्रदेश के 75 जनपदों में नोडल अधिकारी और प्रबुद्ध जन आम जनता और किसानों से संवाद कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा और भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा जारी है, जिसमें ग्रामीण जनता की बड़ी भागीदारी देखने को मिल रही है. सोमवार तक अभियान में करीब 4 लाख सुझाव प्राप्त हो चुके हैं. इनमें तीन लाख से ऊपर सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और करीब एक लाख सुझाव नगरीय क्षेत्रों से आए हैं. इसी क्रम में कन्नौज के अखिलेश कुमार पांडेय ने सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए अंतिम वर्ष के वेटरनरी छात्र एक साल के लिए व्यवहारिक प्रशिक्षण के तहत पशु चिकित्सालयों में तैनात किए जाएं.
वहीं देवरिया की शिशिरा प्रजापति ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में एआई, रोबोटिक्स और हरित ऊर्जा जैसी तकनीकें सिखाई जाएं. साथ ही उच्च शिक्षा व कौशल प्रशिक्षण सस्ता और सुलभ बनाया जाए, तेज़ इंटरनेट, स्मार्ट क्लास और विश्वविद्यालयों में शोध केंद्र व स्टार्टअप इनक्यूबेटर स्थापित किए जाएं. उधर, बस्ती के गोबिंद ने ग्राम सचिवालय को पारदर्शिता का केंद्र बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि पंचायत सहायक हर योजना का पैसा कब आया, कितना और कहां खर्च हुआ, इसकी ऑनलाइन रिपोर्ट अपलोड करें और ग्राम लेखाकार के रूप में मान्यता पाएं.
इसके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के भारत में 60 फीसदी से अधिक भूभाग उर्वरा है, जबकि अन्य बड़े देशो में उनके कुल भूभाग का लगभग 20 प्रतिशत भाग ही कृषि योग्य है. भारत के पास 16 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि है. उन्होंने आगे कहा कि रूस के पास 12 करोड़ हेक्टेयर एवं चीन के पास 12 करोड़ हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है. अन्य देशों के पास भी भारत से कम कृषि योग्य भूमि है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसति देशो के पास जो भी कृषि भूमि है, उसमें उन्होंने तकनीक का उपयोग करके लागत कम करने में तथा उत्पादन बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है.
सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में हर क्षेत्र में विकास देखने को मिला है. ओडीओपी ने खेतीहर मजदूर को अतिरिक्त कार्य भी दिया है. कृषि क्षेत्र में सिचांई की व्यवस्था, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, आदि के माध्यम से कृषि क्षेत्र को उन्नत किया गया है. उन्होंने कहा कि डीबीटी के माध्यम से 2.86 लाख करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को किया गया है. पश्चिमी व मध्य यूपी में किसान अब वर्ष में तीन फसल का उत्पादन कर रहा है. उन्होंने कहा कि अभी इस क्षेत्र में कार्य करने की असीम संभावनाएं है. अब उन्हीं पर आगे की कार्ययोजना तैयार करने के लिए कार्य हो रहा है.
आपको बता दें कि इस अभियान में अब तक प्रयागराज, फिरोजाबाद, बस्ती, जौनपुर, कानपुर नगर, गोरखपुर, सहारनपुर, मेरठ, फर्रुखाबाद और महाराजगंज जैसे जनपदों से सबसे अधिक सुझाव आए हैं. इसके अलावा सरकार का कहना है कि किसानों की इन रायों को विकास रोडमैप में शामिल कर उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्य बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे.
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