विदेशी फलों की खेती से मालामाल हुआ UP का ये किसान, लाखों में कमाई, पढ़िए Success Story

विदेशी फलों की खेती से मालामाल हुआ UP का ये किसान, लाखों में कमाई, पढ़िए Success Story

प्रगतिशील किसान रामसागर पांडे ने आगे बताया कि वह बाल सिंदूरी बेर और एप्पल बेर के साथ ही वह ताइवान पिंक अमरूद और जैपनीज रेड डायमंड अमरूद की खेती कर रहे हैं. इसकी खेती क्यारी नुमा होती है.

रायबरेली के किसान रामसागर पांडे को यूट्यूब से मिला आइडियारायबरेली के किसान रामसागर पांडे को यूट्यूब से मिला आइडिया
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Jan 15, 2024,
  • Updated Jan 15, 2024, 1:51 PM IST

Success Story: उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज‍िले के एक क‍िसान ने एप्पल बेर और ताइवान अमरूद की बागवानी लगाकर बंपर कमाई कर रहे है. क्षेत्र में ताइवान अमरूद यानी पेरू की मांग बढ़ रही है. इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है. रायबरेली जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पुरासी गांव के रहने वाले किसान राम सागर पांडे ने यूट्यूब से मिले एक आइडिया से कुछ ऐसा शुरू किया जिससे उनके जीवन में बदलाव ही आ गया. इसी के जरिए आज वह सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. दरअसल, रायबरेली जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पुरासी गांव के रहने वाले किसान राम सागर पांडे ने यूट्यूब से मिले एक आइडिया से कुछ ऐसा शुरू किया जिससे उनके जीवन में बदलाव ही आ गया.

इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से बातचीत में किसान राम सागर पांडे ने बताया कि 2020 तक अपनी पुश्तैनी जमीन पर परंपरागत खेती करते थे. परंतु वर्ष 2020 में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के दौरान वह यूट्यूब पर कृषि से जुड़ी जानकारी देख रहे थे. तभी उन्होंने एप्पल बेर और ताइवान अमरूद के बारे में एक वीडियो देखा. वहीं से उन्हें आइडिया मिला की यह तो बेहद मुनाफे वाली खेती है क्यों ना अपनी जमीन पर एप्पल बेर और ताइवान अमरूद की खेती की जाए. इस सोच को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अपनी 4 एकड़ जमीन पर एप्पल बेर और लगभग 1 एकड़ जमीन पर ताइवान अमरूद की खेती शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि बंगाल की एक नर्सरी से पौधे मंगाकर खेती की शुरुआत की, जो आज पूरी तरह से सफल साबित हो रही है. पांडे ने बताया कि जिससे आज 5-6 लाख रुपये की सालाना कमाई कर रहे हैं.

3 साल तक कमाया जा सकता है मुनाफा

प्रगतिशील किसान रामसागर पांडे ने आगे बताया कि वह बाल सिंदूरी बेर और एप्पल बेर के साथ ही वह ताइवान पिंक अमरूद और जैपनीज रेड डायमंड अमरूद की खेती कर रहे हैं. इसकी खेती क्यारी नुमा होती है. जिसमे पौधे से पौधे के बीच 10 फीट की दूरी और लाइन से लाइन के बीच 10 फीट की दूरी होती है. जिससे आसानी से खेत की साफ-सफाई भी की जा सके. उन्होंने बताया कि यह फसल एक बार लगाई जाती है और 3 साल तक इससे मुनाफा कमाया जा सकता है. इसमें लगभग 1 लाख से लेकर 2 लाख रुपए तक की लागत आती है और सालाना 5 से 6 लाख रुपए तक का मुनाफा होता हैं. इसके बिक्री के लिए वह इसे रायबरेली सहित लखनऊ व कानपुर के साथ ही बाराबंकी की बाजारों में भेजते हैं.

ताइवान अमरूद विटामिन-C और खनिज तत्वों से भरपूर

रामसागर पांडे बताते हैं कि कम पानी वाली किसी भी मिट्टी में अमरूद एक लाभदायक फसल के तौर पर उभर रहा है. ताइवान अमरूद विटामिन सी और खनिज तत्वों से भरपूर है. यह खाने वालों की सेहत के ल‍िए अच्छा है और इससे क‍िसानों को अच्छी कमाई भी हो रही है. यह फसल सूखाग्रस्त क्षेत्रों में खेती के लिए एक आशा पैदा करने वाली उपज है. परंपरागत खेती को छोड़कर फलों की खेती अपनाने से मोटी आमदनी होती है. 

एक एकड़ में लगा सकते है 400-450 पौधे 

ताइवान प्रजाति का एप्पल बेर रंग और आकार में बिल्कुल सेब की तरह दिखता है. खास बात यह है कि इसमें सेब और बेर दोनों का स्वाद आता है. एक वर्ष से भी कम समय में फलोत्पादन वाले इस एप्पल बेर की बागवानी कम ऊंचाई वाले पहाड़ (जहां न्यूनतम तापमान माइनस में न जाता हो) और मैदानी भागों में की जा सकती है. इसके लिए एक एकड़ में 400-450 पौधे और पौधों के बीच की औसत दूरी आठ फुट रखी जाती है. अधिकतम ऊंचाई के आठ फुट के एक पौधे में पहले साल 25 से 30 किलोग्राम और दूसरे वर्ष से 60 से 65 किलोग्राम फल लगते हैं. 

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शुगर फ्री से भरपूर इस बेर का अधिकतम वजन 70 ग्राम तक होता है. इसके लिए प्राकृतिक बारिश के अलावा अन्य सिंचाई और उर्वरकों की आवश्यकता नहीं होती है. इसके पत्तों और डालियों में कांटे नहीं होते हैं. ताइवानी प्रजाति के एप्पल बेर की बागवानी से किसान कम लागत पर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. 

 

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