ओडिशा के गजपति जिले में फिर से मौसम का खतरा, मक्का किसानों में बढ़ी चिंता

ओडिशा के गजपति जिले में फिर से मौसम का खतरा, मक्का किसानों में बढ़ी चिंता

बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने से एक बार फिर ओडिशा के गजपति जिले के किसानों में चिंता पैदा हो गई है. जिस वजह से किसान समय से पहले फसल की कटाई में लग गए हैं.

मक्के की फसल पर मंडरा रहा खतरामक्के की फसल पर मंडरा रहा खतरा
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Oct 21, 2025,
  • Updated Oct 21, 2025, 7:36 PM IST

बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) बन रहा है, जिसे लेकर ओडिशा के कई जिलों में फिर से मौसम की चिंता बढ़ गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि यह सिस्टम अगले 36 घंटों में डिप्रेशन (Depression) में बदल सकता है, जिससे राज्य के कई हिस्सों में बारिश होने की संभावना है.

आईएमडी ने मंगलवार और बुधवार के लिए 'येलो' अलर्ट जारी किया है और कहा है कि पुरी, खुर्दा, नयागढ़, गंजाम, गजपति, बौध, कंधमाल, रायगढ़ा, कोरापुट और मलकानगिरी जिलों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाएं (30-40 किमी प्रति घंटा) चल सकती हैं.

समय से पहले मक्के की कटाई शुरू

गजपति ज़िले के मोहाना ब्लॉक के मक्का किसान इस खबर से काफी डरे हुए हैं. पिछले साल भारी बारिश के कारण उनकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी, जिससे कई परिवारों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था. इस बार किसान कोई जोखिम नहीं लेना चाहते और समय से पहले ही मक्का की कटाई शुरू कर दी है. एक किसान ने बताया, "पिछली बार हमारी पूरी फसल बर्बाद हो गई थी. इस बार हम कोई चांस नहीं ले रहे हैं."

कड़ी मेहनत के बीच एक और नई चुनौती

हालांकि समय से पहले फसल काटने का मतलब है कि किसानों को अब मक्का को सूखा और सुरक्षित रखने के लिए जगह नहीं मिल रही है. लगातार बदलते मौसम और नमी की वजह से फसल सड़ने का खतरा बना हुआ है.

एक ग्रामीण ने चिंता जताई, "कुछ फसलें तो पहले ही खराब हो गई हैं. हमें अभी तक मुआवज़ा भी नहीं मिला है. अब भंडारण की भी दिक्कत है."

बारिश से पहले फसल बचाना है लक्ष्य

किसान अब दिन-रात मेहनत कर रहे हैं ताकि बारिश शुरू होने से पहले फसल काटकर सुरक्षित रख सकें. उनके लिए मक्का ही जीवन यापन का मुख्य ज़रिया है, और इस बार वे किसी भी नुकसान से बचना चाहते हैं.

क्या कहता है मौसम विभाग?

मंगलवार सुबह 5:30 बजे मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जो अगले 36 घंटों में डिप्रेशन में बदल सकता है. इसका असर ओडिशा के कई जिलों में देखने को मिलेगा.

गजपति ज़िले के किसानों के लिए ये समय बेहद चुनौतीपूर्ण है. मौसम की मार और सरकारी सहायता की कमी ने उन्हें मजबूर कर दिया है कि वे जोखिम उठाए बिना पहले ही फसल काटें. आने वाले दिनों में अगर बारिश तेज हुई, तो पहले से ही संघर्ष कर रहे इन किसानों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.

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