भारी बारिश और बाढ़ के कारण भारी नुकसान झेल रहे किसानों के लिए बड़ी राहत देते हुए महाराष्ट्र सरकार ने भूमि सहायता सीमा को दो हेक्टेयर से बढ़ाकर तीन हेक्टेयर कर दिया है. इस फैसले से लगभग 6 लाख से अधिक किसानों को फायदा होगा.
राज्य के राहत एवं पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव पाटिल ने मंगलवार को बताया कि इस योजना के लिए 648.15 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. अब तक इस साल की खरीफ फसल के दौरान प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत और पुनर्वास विभाग ने कुल 8,139 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
मंत्री के अनुसार, यह निर्णय 6,12,177 किसानों को फायदा पहुंचाएगा जो राज्य के 6,56,310.83 हेक्टेयर क्षेत्र की खेती में नुकसान का सामना कर रहे हैं. "पहले इन किसानों को केवल दो हेक्टेयर तक ही सहायता मिलती थी, अब अतिरिक्त एक हेक्टेयर के लिए भी सहायता मिलेगी, जिससे बारिश प्रभावित किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. यह फैसला अधिक संख्या में प्रभावित किसानों और व्यापक क्षेत्र के नुकसान की भरपाई के उद्देश्य से लिया गया है."
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, फसल नुकसान के लिए क्षेत्रवार निधि आवंटन इस प्रकार है:
सरकार की इस कोशिश से किसानों को अधिक सुविधाजनक आर्थिक सहायता मिल सकेगी और प्राकृतिक आपदाओं के बाद किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. राज्य सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में 21.66 लाख प्रभावित किसानों के लिए 1,356.30 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दी थी.
इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजे के पैकेज की घोषणा की थी, जिसमें कहा गया था कि कुल सहायता 48,000 रुपये प्रति हेक्टेयर होगी. हालांकि, विपक्षी दलों ने राहत पैकेज को किसानों के जीवन को फिर से पटरी पर लाने के लिए "बहुत कम" बताया है.
सितंबर में भारी बारिश और बाढ़ ने मराठवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे राज्य भर में 68.69 लाख हेक्टेयर में लगी फसलें नष्ट हो गईं.