Namo Drone Didi Yojna: ड्रोन दीदी बनकर बदली रीना की जिंदगी, सालभर में होती है इतनी कमाई

Namo Drone Didi Yojna: ड्रोन दीदी बनकर बदली रीना की जिंदगी, सालभर में होती है इतनी कमाई

Drone Didi Success Story: आगर-मालवा जिले की रहने वाली रीना चंदेल ने नमो ड्रोन दीदी योजना से जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है. वह एक सीजन में 40 हजार रुपये से ज्यादा आमदानी हासिल कर लेती हैं और सालभर में 1 लाख रुपये तक कमा लेती हैं.

Drone Didi Reena ChandelDrone Didi Reena Chandel
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 29, 2025,
  • Updated May 29, 2025, 11:55 AM IST

केंद्र और राज्‍य सरकारें विभिन्‍न योजनाओं के जरिए मह‍िलाओं को आर्थि‍क रूप से सशक्‍त और स्‍वावलंबी बना रही है. केंद्र सरकार भी इसी उद्येश्‍य के साथ “नमो ड्रोन दीदी योजना” चला रही है, जिससे ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को एक नई उड़ान मिल रही है. इस योजना से ग्रामीण महिलाएं तकनीक और सरकारी सहयोग से आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनीं है. इससे उनके के जीवन में वास्तव में बदलाव देखने को मिल रहा है. आज हम आपको मह‍िला सशक्ति करण की दो सफल कहानियां बता रहे हैं, जो ‘ड्रोन दीदी’ बनकर खुद को और अपने परिवार को आर्थि‍क मजूबती दे रही हैं…

एक सीजन में 40 हजार से ज्‍यादा कमाई

पहली कहानी आगर-मालवा जिले के गांव थड़ौदा की रहने वाली रीना चंदेल की है. उन्‍हें नमो ड्रोन दीदी योजना से एक नई दिशा मिली है. वह ड्रोन से खेतों में नैनो यूरिया और नैनो पेस्टिसाइड का छिड़काव करती हैं. किसानों से उन्हें प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पैसे मिलते हैं. रीना ने बताया कि खेती के एक सीजन में वह 40 हजार रुपये से ज्‍यादा आमदानी हासिल कर लेती हैं. वहीं, सालभर में वह इस काम से 1 लाख रुपये तक कमा लेती हैं.

किसानों को होता है बढ़‍िया फायदा

रीना किसानों को दानेदार और अन्‍य सूखे केमिकल खाद-कीटनाशक के बजायनैनो टेक्नोलॉजी के इस्‍तेमाल को लेकर भी जागरूक कर रही हैं. नैनो तरल खाद-कीटनाशक कम मात्रा में इस्‍तेमाल होते हैं, जिससे फसल की सेहत, उत्‍पादन दोनों  में फायदा मिलता है और किसानों की लागत बचती है. रीना बताया कि ड्रोन तकनीक की मदद से संतुलित और प्रभावी तरीके से छिड़काव होता है और किसानों को बहुत फायदा होता है.

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चंद मिनटों में होता है काम

ड्रोन की मदद से एक हेक्टेयर खेत में सिर्फ 5 से 10 मिनट में छिड़काव हो जाता है. इससे मजदूरी बचती है और कम समय-कम लागत में किसानों का काम भी हो जाता है. रीना चंदेल ने बताया कि वह साल 2024 में इस योजना से जुड़ी हैं. उन्‍हें इंदौर और भोपाल में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग मिली है, जो मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत निशुल्क दी गई थी. साथ ही उन्‍हें योजना के तहत निशुल्क ड्रोन मिला है.

निधा ने सालभर में कमाए साढ़े 3 लाख रुपये

दूसरी सफलता की कहानी ग्‍वालियर के मोहना की रहने वाली ड्रोन दीदी निधा अख्‍तर की है. वह नगर परिषद मोहना और इसके आस-पास के गांवों में ड्रोन से नैनो खाद-कीटनाशक का छ‍िड़काव करती हैं. निधा ने बताया कि उन्‍होंने मोहना और आसपास के गांवों के 325 किसानों के खेतों में धान, मटर, सरसों, टमाटर और अन्य सब्जियों की फसलों के करीबन 2250 एकड़ से ज्‍यादा रकबे पर ड्रोन की मदद से नैनो खाद-कीटनाशक का छिड़काव किया है.

निधा इलाके के किसानों की सलाहकार के रूप में पहचान हासिल कर रही है. हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के काउंसिल जनरल माइक हैंकी ने ड्रोन दीदी निधा अख्तर से मुलाकात की. इस दौरान उन्‍होंने निधा से फसलों में ड्रोन तकनीक से नैनो यूरिया और नैनो डीएपी छिड़काव के बारे में जानकारी ली.

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