प्रोफेसर दंपति बने किसान मिसाल, ‘मशरूम लेडी’ डॉ. सोनिया दहिया का शुद्ध मुनाफा 30 लाख रुपये

प्रोफेसर दंपति बने किसान मिसाल, ‘मशरूम लेडी’ डॉ. सोनिया दहिया का शुद्ध मुनाफा 30 लाख रुपये

हरियाणा में सोनीपत के गांव बड़वासनी की रहने वाली डॉ. सोनिया दहिया और उनके पति डॉ. विजय दहिया ने शिक्षा के साथ खेती को जोड़कर एक नई मिसाल पेश की है. दोनों अलग-अलग विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर हैं और साथ ही मशरूम की खेती करते हैं. डॉ. सोनिया को ‘मशरूम लेडी’ के नाम से जाना जाता है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें करनाल में आयोजित मेगा सब्जी एक्सपो 2025 में सम्मानित किया है. उनका सालाना टर्नओवर 1.20 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है.

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पवन राठी
  • Sonipat,
  • Oct 27, 2025,
  • Updated Oct 27, 2025, 4:37 PM IST

हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव बड़वासनी की बेटी डॉ. सोनिया दहिया आज पूरे प्रदेश में ‘मशरूम लेडी’ के नाम से जानी जाती हैं. वे न सिर्फ एक सफल महिला उद्यमी हैं बल्कि दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, मुरथल में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं. उनके पति डॉ. विजय दहिया दिल्ली के महाराजा सूरजमल इंस्टीट्यूट में गणित के प्रोफेसर हैं.

दोनों ने साल 2020 में कोरोना काल के दौरान शिक्षा के बजाय खेती की राह चुनी. उन्होंने गांव में 1 एकड़ जमीन पर मशरूम की खेती शुरू की. शुरुआत में उन्होंने 40 लाख रुपये का निवेश कर दो ग्रोइंग रूम (एसी मशरूम चैंबर) बनाए और करीब 5,600 मशरूम बैग्स तैयार किए.

शुरुआत में खाद की कमी जैसी चुनौतियों के बावजूद सोनिया ने हार नहीं मानी और खुद की कंपोस्ट खाद यूनिट तैयार की. धीरे-धीरे उनका यह प्रयास एक सफल उद्यम में बदल गया.

सम्मान और उपलब्धियां

डॉ. सोनिया दहिया को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए कई पुरस्कार मिले हैं —

  • जम्मू-कश्मीर में सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार
  • राज्य बागवानी विभाग की कार्यकारी सदस्य के रूप में चयन
  • 2022 में इंटरनेशनल बायोटेक्नोलॉजी इवेंट में सम्मानित
  • 2023 में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा पुरस्कार प्राप्त
  • किसान दिवस (23 दिसंबर) पर हिसार में सम्मानित

हाल ही में, करनाल में आयोजित 11वीं मेगा सब्जी एक्सपो 2025 में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें द्वितीय कृषि प्रोत्साहन पुरस्कार से नवाजा.

आर्थिक सफलता

आज डॉ. सोनिया दहिया का मशरूम फार्म सालाना लगभग 1.20 करोड़ रुपये का टर्नओवर करता है, जिसमें से वे 25-30 लाख रुपये तक की शुद्ध बचत करती हैं.
देशभर से किसान और विद्यार्थी उनके मशरूम फार्म का दौरा करने आते हैं ताकि वे आधुनिक खेती और जैव प्रौद्योगिकी के मेल को समझ सकें.

सोनीपत के गांव की बेटी को मशरूम की खेती में उत्कृष्ट काम करने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कृषि प्रोत्साहन के रूप में द्वितीय पुरस्कार से नवाजा है. करनाल में आयोजित 11वीं मेगा सब्जी एक्सपो 2025 में उनको ये सम्मान मिला. मशरूम की खेती में सोनिया सभी खर्च निकाल कर साल में 25 से 30 लाख रुपये बचा लेती हैं. वो कई पुरस्कार से नवाजी जा चुकी हैं.

क्या कहती हैं सोनिया दहिया

डॉ. सोनिया का कहना है —“खेती में शिक्षा का जुड़ाव अगर सही दिशा में हो तो किसान आत्मनिर्भर बन सकता है. मैंने यही साबित करने की कोशिश की है.” 

हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में मशरूम की खेती से किसान बंपर कमाई कर रहे हैं. इसमें अच्छी बात ये है कि मशरूम उगाने के लिए बहुत बड़े खेत की कोई जरूरत नहीं होती. किसी छोटे कमरे में भी मशरूम उगा सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं. सरकार भी इस खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है और सब्सिडी आदि दे रही है.

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