उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक प्रगतिशील किसान विनोद कुमार पांडेय 'लाल चेरी' की खेती घर के छत पर रखे गमलों में कर रहे हैं. जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हैं. दरअसल यह बेरी की तरह दिखने वाला एक पेड़ होता है, जिसमें सुर्ख लाल रंग की चेरी होती है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर है. इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि चेरी ठंडे जलवायु में उगने वाला फल हैं. पहाड़ों में अप्रैल से जून तक फल और फूल आने लगते है.
अगर इलाकों की बात करें तो यहां भी पैदावार होने लगी है. उन्होंने बताया कि दो साल पहले एक पौधा लाल चेरी लेकर गमलों में लगाया था. जिसमें बड़ी मात्रा में फल आना शुरू हो गया है. एक निजी कंपनी में काम करने वाले विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि जून माह में फूल आया है, जो जुलाई, अगस्त और सितंबर तक फूल आने शुरू हो गए है. फिलहाल काफी अच्छी मात्रा में फल मिल रहा है. चेरी फल किसानों के लिए आर्थिक तौर पर बहुत लाभ देता है. इस पौधे के कारण आसपास का वातावरण भी ठंडा रहता है.
उन्होंने बताया कि लाल चेरी काफी महंगा फल होता है, क्योंकि यह मैदानी इलाके में कम होता है. अगर आप बीज से पौधा उगाना चाहते हैं, तो चेरी के बीज को 9-10 घंटे पानी में भिगोकर रखें, फिर उन्हें मिट्टी में 1-2 इंच गहराई में लगाएं. हालांकि बीज से फल आने में समय ज्यादा लगता है, इसलिए नर्सरी से तैयार पौधा लाना बेहतर है. लखनऊ के गोमतीनगर इलाके के निवासी विनोद कुमार पांडेय बताते हैं कि चेरी फल को लगाने के लिए धूप और छांव दोनों की जरुरत पड़ती है, ऐसे में गमलों को घर के छत पर ठीक से सेट करके रखना चाहिए. क्योंकि चेरी को अच्छी धूप के साथ छांव की जरूरत होती है. अगर आप ठंडी जगह रहते हैं तो यह पौधा आसानी से फल देगा.
उन्होंने बताया कि चेरी के पौधों में एफिड्स और फंगल रोगों का खतरा रहता है. इसके लिए नीम के तेल का स्प्रे महीने में 2 बार करें. इस तकनीक से आप भी अपने घर में लाल चेरी फल की बागवानी अच्छे से कर सकते हैं. पांडेय ने बताया कि चेरी न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होती है, बल्कि विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट और कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हैं. सबसे खास बात है कि विनोद कुमार पांडेय किचन गार्डनिंग को बढ़ावा दे रहे है.
मौजूदा समय में वो 500 से अधिक गमलों के जरिए अलग-अलग सीजनल सब्जियों की पैदावार अपने घर पर कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि करीब 150 पौधे सब्जियों के आज हमारे पास है. जहां से हम अपने खाने भर के लिए ताजा हरी सब्जियों को तोड़ लेते है. वहीं घर की छत पर ड्रैगन फ्रूट की बागवानी कर रहे हैं. लखनऊ के विनोद कुमार पांडेय आज हजारों किसानों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गए है. जिनकी चर्चा देश-विदेश में होती हैं.
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