बिहार में पिछले दो दिनों से लगातार हुई मूसलाधार बारिश का कहर दिख रहा है. एक ओर इस बारिश से जहां लोगों का जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. वहीं, इस भयंकर बारिश से मोतिहारी जिले की लगभग सभी नदियां उफान पर हैं, जिससे जिले के हज़ारों एकड़ फसल बर्बाद होने के कगार पर हैं. नदियों का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. साथ ही कई जगह कटवा का खतरा मंडरा रहा है. आलम ये है कि किसान अपनी जान पर खेलकर अपने फसल को बचाने में लगे हुए हैं.
विभागीय रिपोर्ट के अनुसार दो पहले दिन 116 तो वहीं दूसरे दिन 228 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो एक रिकार्ड बारिश बताई जा रही है. इस बारिश से हजारों एकड़ तैयार फसल प्रभावित हुआ है. इसके अलावा बिजली के कई खंभों के गिरने,तार टूटने और पेंड़ गिरने से दो दिनों से कई क्षेत्र में अंधेरा छाया हुआ है. सुगौली-रक्सौल एशियन हाइवे 527 डी में सिकरहना पुल से पहले करीब दस फीट रोड धंस गई है. हालांकि, जिस जगह पर रोड धंसे हैं वहां एनएचआई ने सावधानी के तौर पर बैरिकेडिंग करा दिया है.
भारी बारिश के कारण सिकरहना नदी उफान गई है. वहीं, मूसलाधार बारिश के कारण नदी का पानी तेजी से निकल रहा है, जो लालपरसा,चिलझपट्टी, बेलवतिया,माली,गोड़ीगांवा,सहित दक्षिण पूर्वी सरेही क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है. नदी से बाहर निकल रहे पानी से किसान दोहरी मार झेल रहे. काफी खर्च कर तैयार किए गए धान की फसल पानी से गिर गया है और डूब कर नष्ट हो रहा रहा है. किसान जान जोखिम में डाल कर जैसे तैसे धान की पकी फसल को थोड़ा बहुत बचा पा रहे हैं.
धान के अलावा तैयार गन्ने की फसल भी पानी में गई गिर गई है. जिससे किसानों की कमाई पर भी प्रभाव पड़ेगा. नदी से निकल रहा पानी सुगौली शहर के उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में फैलने लगा है. शहर के निचले क्षेत्रों में बरसात का पानी भर गया है. अगर सिकरहना नदी का जलस्तर बढ़ता रहा तो बाढ़ से अधिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते बांध की मरम्मत कराई जाती तो आज यह स्थिति नहीं बनती.
ग्रामीण स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सरकार से तुरंत राहत और मुआवजे की मांग कर रहे हैं. वहीं उत्तरी छपरा बहास पंचायत के भवानीपुर गांव के वार्ड 9 की स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब है. गांव के सामने नदी का कटाव तेजी से हो रहा है. पूर्व मुखिया ने बताया कि प्रशासन की ओर से कटाव रोकने के लिए कोई सटीक उपाय नहीं किया गया है. जल संसाधन विभाग के लोग बालू भरी कुछ बोरियां नदी किनारे रख छोड़ गए है. (सचिन पांडे की रिपोर्ट)