Success Story: ऑर्गेनिक खेती से लाखों कमा रहीं बिहार की अंजू, कमाई के दम पर कई देशों का किया दौरा

Success Story: ऑर्गेनिक खेती से लाखों कमा रहीं बिहार की अंजू, कमाई के दम पर कई देशों का किया दौरा

Organic Farming: ऑर्गेनिक सब्जियों की बढ़ती मांग के बीच किसान कर रहे खेती. समस्तीपुर की महिला किसान ऑर्गेनिक खेती से सलाना ढाई एकड़ जमीन से कर रही करीब पांच लाख की कमाई. वहीं, खेती की बदौलत अंजू कुमारी ने किया कई देशों का दौरा.

Bihar farmer success storyBihar farmer success story
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Jun 02, 2025,
  • Updated Jun 02, 2025, 5:24 PM IST

रसायन-मुक्त सब्जियों और फलों की मांग लोगों के बीच तेजी से बढ़ रही है. ऑर्गेनिक सब्जियों और फलों के शौकीन इन्हें अपनी रसोई तक लाने के लिए अच्छा दाम देने को भी तैयार हैं. बिहार के कुछ किसान इस मांग को अच्छी तरह समझते हुए अपने खेतों में ऑर्गेनिक फल और सब्जियों की खेती कर रहे हैं. इस खेती में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की भागीदारी भी तेजी से बढ़ रही है. ये महिलाएं न केवल उत्पादन कर रही हैं, बल्कि खुद बाजार तलाशकर अपने उत्पाद बेच भी रही हैं. ऐसी ही एक प्रगतिशील महिला किसान हैं अंजू कुमारी, जो समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय ब्लॉक की रहने वाली हैं. वे अपने खेतों में ऑर्गेनिक फल और सब्जियों की खेती करती हैं और उन्हें स्वयं बाजार में बेचती भी हैं. इस खेती के सहारे वह कई देशों का भ्रमण भी कर चुकी हैं. 

रसायनयुक्त सब्जियों से बिगड़ी सेहत, फिर शुरू की ऑर्गेनिक खेती

अंजू कुमारी बताती हैं कि ऑर्गेनिक खेती शुरू करने से पहले वे जीविका और कई एनजीओ में काम कर चुकी थीं, जहां से अच्छी कमाई हो रही थी. लेकिन, कमाई का बड़ा हिस्सा बीमारियों के इलाज में खर्च हो रहा था. तब उन्होंने फैसला किया कि अपनी जमीन पर ऑर्गेनिक सब्जियों और फलों की खेती करेंगी. इसके बाद उन्होंने खेती शुरू की. पहले जहां सामान्य बीमारियों के इलाज में सालाना करीब 50 हजार रुपये खर्च हो जाते थे, अब वह राशि पूरी तरह बच रही है. यह उनके लिए फायदे का सौदा साबित हुआ है. वे पोषण वाटिका के माध्यम से सीजन के अनुसार सब्जियों की खेती करती हैं और उनका उपयोग अपने भोजन के लिए भी करती हैं.

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ढाई एकड़ में अंजू करती हैं सब्जी और फल की खेती

पटना के एक होटल में ग्रीष्मकालीन ऑर्गेनिक सब्जियों और फलों की प्रदर्शनी में भाग लेने आईं अंजू बताती हैं कि वे 2020 से अपनी पुश्तैनी ढाई एकड़ जमीन पर सब्जियों और फलों की खेती कर रही हैं. इसके अलावा, वे अन्य लोगों से किराए पर जमीन लेकर भी खेती करती हैं. सभी खेतों में वे रासायनिक दवाओं और उर्वरकों का उपयोग नहीं करतीं, बल्कि गोबर और जैविक उर्वरकों का प्रयोग करती हैं. इससे उन्हें अच्छा उत्पादन मिल रहा है. वे प्राकृतिक जलेबी, पपीता, जामुन, लौकी, कदम, कद्दू सहित कई फल और सब्जियों की खेती करती हैं. अंजू कहती हैं कि बचपन से ही खेती से उनका गहरा नाता रहा है, जिसके कारण ऑर्गेनिक खेती में उन्हें कोई परेशानी नहीं होती.

देश के अलग-अलग राज्यों में लगाती हैं स्टॉल

अंजू कुमारी अपनी खेती के दम पर इटली, फ्रांस और नेपाल जैसे देशों की यात्रा कर चुकी हैं. वे बताती हैं कि अपने फल और सब्जियां पटना लाती हैं और यहां के कुछ दुकानदारों को बेचती हैं. इसके अलावा, वे देश के 17 राज्यों में विभिन्न कार्यक्रमों में स्टॉल लगाकर अपने उत्पाद बेचती हैं. साथ ही, वे अन्य लोगों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण भी देती हैं. अंजू कहती हैं कि पहले जीविका और एनजीओ में आठ घंटे काम करने पर महीने में 15 से 20 हजार रुपये की कमाई होती थी, लेकिन अब वे उससे दोगुनी कमाई कर रही हैं.

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