उत्तर प्रदेश के किसान अपने खेत में सिंचाई के लिए अनुदान पर सोलर पंप (Subsidy on Solar Pump) लगा सकते हैं. इसी क्रम में यूपी सरकार पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के तहत पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर 54 हजार सोलर पंप देगी. इस योजना के तहत पात्र किसानों को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सब्सिडी देगी. 27 फरवरी 2025 से आवेदन कर सकते हैं.
उप्र कृषि विभाग के अपर निदेशक प्रसार और नोडल अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि इस योजना का फायदा लेने के लिए किसानों को उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना होगा. आवेदन के दौरान किसानों को 5 हजार रुपये की टोकन राशि जमा करनी होगी. उन्होंने बताया कि सोलर पंप पर अनुदान के लिए किसान कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (www.agriculture.up.gov.in) पर पंजीकरण कर सकते हैं.
सिंह ने बताया कि टोकन कन्फर्म करने के 14 दिनों के अंदर किसानों को अवशेष कृषक अंश की धनराशि का ऑनलाइन टोकन जनरेट कर चालान के माध्यम से इण्डियन बैंक की शाखा में या ऑनलाइन जमा करना होगा. ऐसा नहीं करने पर किसानों का चयन निरस्त हो जाएग. साथ ही टोकन मनी की धनराशि भी जब्त कर ली जाएगी. उन्होंने बताया कि हर जिले के लिए निर्धारित संख्या में सोलर पंप वितरण के लिए आवंटित किए गए हैं. बुकिंग के दौरान भी पहले आओ, पहले पाओ का नियम लागू रहेगा.
वहीं, 2 एचपी वाली पंप के लिए 4 इंच, 3 और 5 एचपी वाली सोलर पंप के लिए 6 इंच और 7.5 एचपी और 10 एचपी के लिए 8 इंच की बोरिंग होना जरूरी है. इस योजना का फायदा लेने के लिए किसानों को खुद बोरिंग करनी होगी. सत्यापन चरण के दौरान बोरिंग नहीं होने पर 5 हजार रुपये की टोकन मनी जब्त की जाएगी और आवेदन निरस्त हो जाएगा. अनुदान के बाद सोलर पंप की शेष राशि को जमा करने के लिए अगर किसान ऋृण लेते हैं, तो उन्हें कृषि अवस्थापना निधि (AIF) के तहत ब्याज में छूट मिलेगी.
सोलर पंप की स्थापना के बाद जमीन में परिवर्तन की अनुमति नहीं होगी. अगर सोलर पंप के स्थल को बदला जाएगा, तो पूरी अनुदान की राशि किसान से वसूल की जाएगी.
नोडल अधिकारी आरके सिंह बताते हैं कि प्रदेश में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किए जा रहे डीजल पंप और दूसरे सिंचाई साधनों को सोलर पंप में बदला जा सकेगा. ट्यूबवेल पर सोलर पंप स्थापित किये जायेंगे और लाभार्थियों के ट्यूबवेल पर पहले का बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा. किसानों को ट्यूबवेल पर सोलर पंप की सुविधा मिलने पर भविष्य में इन्हें बोरिंग पर बिजली कनेक्शन नहीं दिया जायेगा.
उन्होंने कहा कि दोहित और अति दोहित क्षेत्रों में नए सोलर पंपों की स्थापना नहीं की जाएगी. अगर किसान सूक्ष्म सिंचाई तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं, तो पहले से स्थापित डीजल पंपसेट को सोलर पंप में बदला जा सकता है. अगर किसान सूक्ष्म सिंचाई तकनीक का प्रयोग नहीं कर रहा है, तो ऐसे किसानों को उद्यान विभाग का त्रिपक्षीय अनुबंध सत्यापन के समय उपलब्ध कराना होगा. सत्यापन न करने पर सोलर पंप का लाभ नहीं मिलेगा. वहीं, टोकन मनी की राशि जब्त की जाएगी. आरके सिंह ने बताया कि किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 60 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा.
उप्र कृषि विभाग के अपर निदेशक प्रसार और नोडल अधिकारी आरके सिंह के अनुसार 2 एचपी का एक सोलर पंप लगाने में कुल 2.49 लाख रुपये का खर्च आएगा. इसमें से किसान को 1.70 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा, जिसमें सोलर पंप के लिए 1.03 लाख और टाली के लिए 67,500 रुपये शामिल हैं. किसानों को अपने हिस्से के 79,186 रुपये का बैंक ड्राफ्ट विभाग में जमा करना होगा.
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