‘सृजन’ ने बढ़ाई महिला किसानों की ताकत, 38,000 से ज्यादा महिलाओं को मिलेगी आर्थिक मदद

‘सृजन’ ने बढ़ाई महिला किसानों की ताकत, 38,000 से ज्यादा महिलाओं को मिलेगी आर्थिक मदद

‘सृजन’ प्रोजेक्ट ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 38,000 से अधिक महिला किसानों को सशक्त बनाया. 19 महिला नेतृत्व वाली फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों को मजबूत कर आर्थिक अवसर और बाजार तक बेहतर पहुंच दी जा रही है.

महिला किसानों को मिलेगी मददमहिला किसानों को मिलेगी मदद
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Oct 14, 2025,
  • Updated Oct 14, 2025, 6:52 PM IST

‘सृजन’ यानी सेल्फ रिलायंट इनीशिएटिव्स थ्रू जॉइंट एक्शन ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में महिला किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का महत्वपूर्ण काम किया है. इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में 24,000 से ज्यादा महिला किसानों तक पहुंच बनाई गई थी. अब दूसरे चरण में 19 महिला नेतृत्व वाली फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों (एफपीसी) के जरिए कुल 38,000 से अधिक महिला किसानों को लाभ मिलेगा.

प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य

इस पहल का लक्ष्य है कि महिला किसानों को बाजार तक बेहतर पहुंच दी जाए, उनकी उत्पादकता बढ़ाई जाए और वे पर्यावरण के अनुकूल तरीके से खेती कर सकें. इसके अलावा, महिलाओं को नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाने के लिए सक्षम बनाना भी इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य है.

पहले चरण की बड़ी सफलता

नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक पहले चरण में 12 एफपीसी ने 190% से ज्यादा टर्नओवर बढ़ाया. इस दौरान शेयरहोल्डर्स की संख्या 6,614 से बढ़कर 24,328 हो गई, जिनमें 88% महिलाएं हैं. महिलाओं की आय में औसतन 30,000 रुपये प्रति वर्ष की बढ़ोतरी हुई. किसानों को सीधे अपने उत्पाद बेचने और अच्छे दाम पाने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई.

महिला किसानों का नेतृत्व

केन बेतवा महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की डायरेक्टर माया घोष ने बताया कि उन्होंने 34 गांवों में कलेक्शन सेंटर स्थापित कर 448 टन कृषि उत्पाद सीधे महिला किसानों से खरीदे. इससे किसानों को बेहतर कीमतें मिलीं और उनकी आमदनी बढ़ी.

दूसरे चरण की तैयारी

‘सृजन’ के CEO प्रसन्ना खेमरिया ने कहा कि अब दूसरे चरण में एफपीसी की प्रशासनिक व्यवस्था और परिचालन को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाएगा. महिलाओं को नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाने के लिए तैयार किया जाएगा ताकि वे स्वतंत्र रूप से अपनी कंपनियां चला सकें. साथ ही, पर्यावरण के अनुकूल खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. अनुमान है कि 70% किसान बेहतर फसल प्रबंधन तकनीक अपनाएंगे और बढ़ी हुई उत्पादकता का फायदा उठाएंगे.

बाजार तक बेहतर पहुंच और सशक्तिकरण

वॉलमार्ट डॉट ओआरजी के सोशल एंड एनवायरनमेंटल इम्पैक्ट एडवाइजर निशांत गुप्ता ने कहा कि महिला किसानों को सशक्त बनाना कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है. ‘सृजन’ की इस पहल से महिलाओं को बाजार तक पहुंच, क्षमता विकास और कृषि मूल्य श्रृंखला में भागीदारी बढ़ाने में मदद मिल रही है.

‘सृजन’ प्रोजेक्ट ने महिला किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है. इससे न केवल उनकी आय बढ़ी है बल्कि वे अब कृषि क्षेत्र में बेहतर नेतृत्व कर रही हैं. यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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