किसानों-पशुपालकों को दिल्‍ली से दिवाली की बड़ी सौगात, पढ़ें पीएम मोदी के कार्यक्रम की मुख्‍य बातें

किसानों-पशुपालकों को दिल्‍ली से दिवाली की बड़ी सौगात, पढ़ें पीएम मोदी के कार्यक्रम की मुख्‍य बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के पूसा में 35,440 करोड़ रुपये की दो प्रमुख कृषि योजनाओं- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया. साथ ही कई अन्‍य प्रोजेक्‍ट्स का शुभारंभ और शिलान्‍यास किया पढ़ें पूरी डिटेल...

Krishi Vibhag pusa delhi programKrishi Vibhag pusa delhi program
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 11, 2025,
  • Updated Oct 11, 2025, 5:58 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) से देश के कृषि क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 35,440 करोड़ रुपये की दो महत्त्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने 5,450 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और लगभग 815 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखी. जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि ये दोनों योजनाएं देश की आत्मनिर्भरता और किसानों के कल्याण को नई दिशा देंगी. उन्होंने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ को भारत के करोड़ों किसानों की प्रगति और समृद्धि का नया अध्याय बताया. पढ़ें कार्यक्रम के अहम हाइलाइट्स और मुख्‍य बातें…

100 कम उत्‍पादकता वाले जिलों को बड़ा मौका

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 24,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 100 कम प्रदर्शन करने वाले कृषि जिलों के कायाकल्प पर केंद्रित होगी. इस योजना के तहत फसल उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, सिंचाई और भंडारण में सुधार करने तथा किसानों को लोन सुविधाओं से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, 11,440 करोड़ रुपये के परिव्यय वाले दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का उद्देश्य 2030-31 तक देश में दलहन उत्पादन को बढ़ाकर 350 लाख टन तक पहुंचाना है. इस मिशन के जरिये देश की दलहन आयात पर निर्भरता में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम किसानों, गरीबों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हर क्षेत्र में सुधार जरूरी है और कृषि क्षेत्र इसका आधार है. पीएम मोदी ने कहा कि यह योजना आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता से प्रेरित है. पहले जिन जिलों को पिछड़ा घोषित कर भुला दिया गया था, उन्हें हमने ‘आकांक्षी जिले’ बनाकर विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का लक्ष्‍य रखा है. इन जिलों में परिवर्तन का मंत्र ‘कन्वर्जेंस, कोलैब्रेशन और कंपटीशन’ है. इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए पीएम धन-धान्य कृषि योजना तैयार की गई है.

अनाज और सब्जियों का उत्‍पादन बढ़ा

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने पिछले 11 वर्षों में कृषि क्षेत्र की उपलब्धियां भी गिनाईं. उन्होंने कहा कि भारत का कृषि निर्यात लगभग दोगुना हो गया है. अनाज उत्पादन में 900 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है और फल-सब्जी उत्पादन 600 लाख मीट्रिक टन से अधिक बढ़ा है. भारत आज दूध उत्पादन में दुनिया में नंबर एक और मछली उत्पादन में दूसरे स्थान पर है. शहद और अंडे का उत्पादन भी 2014 की तुलना में दोगुना हुआ है.

बीते दशक में देश में 6 नई उर्वरक फैक्ट्रियां स्थापित हुई हैं. 25 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को मिले हैं और 100 लाख हेक्टेयर भूमि में सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा पहुंचाई गई है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को अब तक लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. साथ ही, 10,000 से अधिक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बने हैं, जिनमें से कई का वार्षिक कारोबार 1 करोड़ रुपये से अधिक है.

एमएसपी बढ़ा, खाद की कीमतें स्थिर

कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी किसानों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हाल ही में रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाया गया है. गेहूं पर 160 रुपये, चना पर 225 रुपये, मसूर पर 300 रुपये, सरसों पर 250 रुपये और कुसुम पर 600 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है. चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अब तक 3.9 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में भेजे गए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में खाद की कीमतों को स्थिर रखा गया है. यूरिया की एक बोरी किसानों को 266 रुपये में मिलती है, जिसपर 1,700 रुपये की सब्सिडी दी जाती है. इसी तरह डीएपी की एक बोरी 1,350 रुपये में उपलब्ध कराई जा रही है, जबकि इसका बाजार मूल्य 3,100 रुपये है. शिवराज ने कहा कि पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि खाद की बढ़ी कीमतों का बोझ किसानों पर न पड़े.

पशुपालकों-मत्‍स्‍यपालकों के जीवन में आया बदलाव

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में नई दिशा मिली है. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन और पशुपालन से जुड़े 10 करोड़ लोगों के जीवन में बदलाव आया है, जिनमें 70 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं. महिला सशक्तिकरण का यह उदाहरण प्रधानमंत्री की समावेशी सोच को दर्शाता है.

राजीव रंजन (ललन सिंह) ने बताया कि मत्स्य पालन क्षेत्र में 104 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है. पशुपालन क्षेत्र में भी 63 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और दूध उत्पादन में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है. उन्होंने कहा कि पशुओं में खुरपका-मुंहपका बीमारी से बचाव के लिए 125 करोड़ मुफ्त टीके लगाए गए हैं और नौ राज्यों को एफएमडी मुक्त बनाने की दिशा में काम चल रहा है.

कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार केवल उत्पादन बढ़ाने का नहीं, बल्कि किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का अभियान है. उन्होंने कहा कि सरकार की हर योजना का अंतिम लक्ष्य “ग्रामीण समृद्धि से राष्ट्रीय समृद्धि” है. उन्‍होंने किसानों से आह्वान किया कि वे नई योजनाओं का लाभ उठाएं और देश को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को साकार करें.

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