प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में नई दिल्ली के पूसा स्थित आईसीएआर- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित एक विशेष कृषि कार्यक्रम में देशभर के किसानों से बातचीत की. इस अवसर पर किसानों ने केंद्र सरकार की विभिन्न कृषि योजनाओं की जमकर सराहना की और कहा कि "PM मोदी हमसे परिवार के सदस्य जैसे लगे."
इस खास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने किसानों से सीधा संवाद किया और उनकी चुनौतियों, अनुभवों व नवाचारों को समझा. बातचीत के दौरान किसानों ने PM किसान सम्मान निधि, पीएम मत्स्य सम्पदा योजना, कृषि अवसंरचना निधि (AIF) जैसी योजनाओं के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया.
एक महिला किसान ने बताया, “PM किसान सम्मान निधि हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है. हर साल मिलने वाले ₹6,000 से हम बीज खरीदते हैं और खेत की जुताई करते हैं.”
बातचीत के बाद एक किसान ने कहा, “जब उन्होंने हमसे बात की, तो लगा जैसे प्रधानमंत्री नहीं, परिवार का कोई सदस्य बात कर रहा हो.” यह एक भावनात्मक पल था जो दर्शाता है कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियाँ और संवाद शैली किसानों के दिलों को छूती हैं.
PM मोदी ने रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग पर चिंता जताई और किसानों से प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने की अपील की. उन्होंने कहा: “यह धरती हमारी माँ है. अगर हम माँ को ज़्यादा खाद देंगे, तो वह कैसे बचेगी? हमें अगली पीढ़ी को उपजाऊ ज़मीन सौंपनी है.”
उन्होंने सलाह दी कि किसान अगर चार बीघा ज़मीन रखते हैं, तो सिर्फ एक बीघे में जैविक खेती से शुरुआत करें. इससे जब उन्हें सफलता मिलेगी, तो वे स्वयं आगे बढ़ेंगे.
PM मोदी ने बताया कि खेतों की बाड़ पर जो जमीन बर्बाद जाती है, वहां सोलर पैनल लगाकर बिजली बनाई जा सकती है. “सरकार इस पर सब्सिडी देती है और किसान बिजली बेचकर कमाई कर सकते हैं.”
एक मत्स्य पालन से जुड़े किसान ने बताया कि “PM मत्स्य सम्पदा योजना ने मेरी ज़िंदगी बदल दी. इस योजना की सब्सिडी से मुझे बहुत मदद मिली और आज मैं 25 लोगों को रोजगार दे रहा हूँ.”
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कई नई योजनाओं की शुरुआत की:
1. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana)
इस योजना के तहत 11 मंत्रालयों की 36 उप-योजनाएं मिलकर कृषि के समग्र विकास को बढ़ावा देंगी. इसका मुख्य फोकस आकांक्षी जिलों पर रहेगा.
2. पल्सेस में आत्मनिर्भरता मिशन (Self-Reliance in Pulses Mission)
इस मिशन का उद्देश्य देश को दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है ताकि आयात पर निर्भरता कम हो सके.
इस कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि सरकार की योजनाएं न केवल कागज़ों तक सीमित हैं, बल्कि ज़मीन पर भी बदलाव ला रही हैं. किसानों का यह कहना कि “PM मोदी परिवार के सदस्य जैसे लगे”, यह दर्शाता है कि एक संवेदनशील नेतृत्व किसानों की ज़रूरतों को कितनी गहराई से समझता है.
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