पीएम नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों की कई योजनाओं का शुभारंभ किया. पीएम मोदी ने ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’, पशुपालन और मत्स्य पालन क्षेत्र की कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिन पर 42 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे. इससे पहले केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित किया. जानिए उन्होंने क्या कहा…
कृषि अनुसंधान संस्थान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि जीएसटी दरों को कम करके किसानों को बड़ी राहत मिली है. छोटे ट्रैक्टर और बड़े टैक्टरों पर बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है और किसानों के हित के साथ कोई समझौता नहीं होगा.
अभी अभी आपने देखा कि रबी की फसलों की एमएसपी बढ़ाया गया है. गेहूं पर 160 रुपये प्रति क्विंटल, चने पर 225 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर पर 300 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों पर 250 रुपये प्रति क्विंटल और कुसुम पर 600 रुपये प्रति क्विंटल, अभी-अभी प्रधानमंत्री जी ने एमएसपी बढ़ाकर किसानों को उनकी उपजा का सही और पूरा दाम देने का फैसला किया है.
शिवराज ने पीएम का धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 3 लाख 90 हजार करोड़ रुपये किसान के खाते में डाला है. डीबीटी के माध्यम से और आप एक रुपया डालते हैं तो पूरा एक रुपया किसान के पास पहुंचता है. उन्होंने कहा कि मैं किसान भाइयों को एक और तथ्य याद दिलाना चाहता हूं, यूरिया और डीएपी, जिसका इस्तेमाल हम फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
पहलें की सरकारें लगातार उनकी कीमत बढ़ाती रहती थीं, लेकिन जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, इसके रेट तय है. यूरिया की एक बोरी 266 रुपया में जिसपर 1700 रुपये की सब्सिडी दी जाती है और डीएपी की एक बोरी जो 3100 रुपया की आती है उसपर 1350 रुपया में दी जाती है. किसान भाइयों जरा सोच के देखो, कंपनियां रेट बढ़ाती हैं, मगर पीएम ने तय किया है कि वह बढ़े हुए रेट का बोझ किसानों पर नहीं आने देंगे.
शिवराज ने आगे कहा कि जो छोटे किसान, लघु किसान, सीमांत किसान हैं, उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पिछले साल ही 2024-25 में केवल फसलों के लिए जो ऋण लेते हैं, वह 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि है. और जब से प्रधानमंत्री जी आए हैं, 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपया ब्याज की सब्सिडी के रूप में किसानों के खाते में डाला जा चुका है.
अगर मैं उप्लब्धियां गिनाऊं तो ये अनेकों हैं. संस्थागत ऋण बढ़कर लगभग 28 लाख करोड़ रुपया हो गया है और फसलों के नुकसान पर पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत अब तक 1 लाख 83 हजार करोड़ रुपया किसानों के खाते में डाला जा चुका है. इसलिए मैं प्रधानमंत्री जी को हृदय से धन्यवाद देता हूं.
शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले 10-11 सालों में खाद्यान का उत्पादन रिकॉर्ड बढ़ा है. 40 प्रतिशत से ज्यादा, गेहूं के, चावल, के भंडार भरे हैं. गेहूं हो, चावल हो, मक्का हो, मूंगफली हो, सोयाबीन हो... पिछले साल हमने रिकॉर्ड उत्पादन किया है. कृषि की जो वृद्धि की दर है, इसकी सफलता की कहानी कहता है.