पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) को लेकर बड़ी खबर आ रही है. एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार पीएम किसान स्कीम की किस्त को जल्द बढ़ा सकती है. इसका प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया है. वहां से हरी झंडी मिलते ही PM Kisan किस्त में दो से तीन हजार रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है. अभी इस स्कीम में हर साल किसानों को 6,000 रुपये मिलते हैं जो बढ़कर 8,000 रुपये से 9,000 रुपये तक जा सकता है.
'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार पीएम किसान स्कीम की राशि को 50 फीसद तक बढ़ा सकती है. इस हिसाब से अभी 6,000 रुपये मिल रहे हैं जो बढ़कर 9,000 रुपये तक जा सकता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि MSP पर फसलों की खरीद को बढ़ा सकती है ताकि किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके.
रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएसपी पर फसलों की खरीद बढ़़ाने और पीएम किसान स्कीम की किस्त में वृद्धि का फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय को करना है. इन दोनों बातों का प्रस्ताव पीएमओ के पास है. एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अगर दोनों प्रस्तावों पर मुहर लगती है तो इससे सरकारी बजट में 20,000 से 30,000 रुपये का खर्च बढ़ेगा.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम किसान की किस्त कब बढ़ेगी, इस बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है. लेकिन संभावना जताई जा रही है कि कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले इसका ऐलान हो सकता है. इन राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. मध्य प्रदेश की जहां तक बात है तो वहां की जीडीपी में किसानी की 40 परसेंट हिस्सेदारी है जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में यह आंकड़ा 27-27 परसेंट का है. इन तीनों राज्यों में किसानों की अच्छी संख्या को देखते हुए सरकार PM Kisan पर बड़ा फैसला ले सकती है. इन राज्यों में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए केंद्र सरकार ने 2019 में पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम की शुरुआत की. इस योजना में देश के 8.5 करोड़ किसानों को मदद दी जाती है. कोरोना काल में इस स्कीम का लाभ ब़ड़े पैमाने पर दिया गया, लेकिन बाद में कुछ शर्तों की वजह से किसानों की बड़ी संख्या इससे बाहर हो गई. सरकार ने कागजातों की छानबीन और ई-केवाईसी जैसे नियम को अनिवार्य बना दिया जिससे कई किसान इससे बाहर हो गए हैं.
PM Kisan स्कीम में सरकारी खर्च का आंकड़ा देखें तो शुरुआती वर्ष 2019-20 में इसमें 48,714 करोड़ रुपये खर्च किए गए जबकि 2020-21 में 60,990 करोड़, 2021-22 में 66,825 करोड़, 2022-23 में 60,000 करोड़ और 2023-24 में भी 60,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इस स्कीम में सरकार हर लाभार्थी किसान को साल में 6,000 रुपये देती है जिसे तीन बराबर किस्तों में दिया जाता है. हर किस्त में दो हजार रुपये की राशि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिये किसानों के खाते में जमा कराई जाती है.
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