महाराष्ट्र सरकार ने दूध की बिक्री पर पशुपालकों को 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी देने का फैसला किया है. कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है. कैबिनेट की बैठक में किसानों को दूध पर 5 रुपये की सब्सिडी देने का फैसला किया गया है. सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति करने वाले दुग्ध उत्पादक किसानों को यह सब्सिडी मिलेगी. यही इसमें बड़ी शर्त है, जिसका राज्य में विरोध हो रहा है. क्योंकि ज्यादातर किसान निजी क्षेत्र को दूध की बिक्री करते हैं. तो सवाल यही है कि क्या राज्य सरकार के इस फैसले से सभी दुग्ध उत्पादक किसानों को फायदा होगा? इतनी बड़ी घोषणा का भी विरोध क्यों हो रहा है.
कुछ दिन पहले डेयरी मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिला ने नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र में दूध टैरिफ सब्सिडी की घोषणा की थी. इसके बाद राज्य कैबिनेट बैठक में इस घोषणा पर मुहर लगी. राज्य सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देने का दावा किया है. इस बैठक में दस अहम फैसले लिए गए. किसानों को दूध पर 5 रुपये की सब्सिडी देने का फैसला इन्हीं में से एक है.
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इसके मुताबिक राज्य में सहकारी दुग्ध संघ को दूध बेचने वाले किसानों को इससे फायदा होगा. इन किसानों के खाते में सरकार की ओर से पांच रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाएगी. जिससे अन्य किसानों पर भी असर पड़ने की संभावना है. यह तय है कि यह सब्सिडी योजना राज्य में सहकारी दुग्ध उत्पादक संगठनों के माध्यम से ही लागू की जाएगी. इसके लिए सहकारी दुग्ध संघों को दुग्ध उत्पादकों को कम से कम 29 रुपये प्रति लीटर की दर से भुगतान करना होगा. अगर दूध में 3.2 फीसदी फैट और 8.3 एसएनएफ है तो यह शर्त लागू होगी. विखे पाटिल ने कहा था कि इसके बाद किसानों को सरकार के जरिए उनके बैंक खाते में 5 रुपये प्रति लीटर की दर से सब्सिडी दी जाएगी.
इस योजना में एक और शर्त लगाई गई है जो पशुपालकों को परेशान कर रही है. महत्वपूर्ण बात यह है कि यह योजना 1 जनवरी 2024 से 29 फरवरी 2024 तक की अवधि के लिए ही उपलब्ध होगी. कहा जा रहा है कि इसके बाद सरकार इस योजना की समीक्षा करेगी और समय सीमा बढ़ाने पर विचार करेगी. राज्य में कोल्हापुर जिले के किसान सहकारी समितियों को सबसे अधिक दूध की आपूर्ति कर रहे हैं. किसान संगठन सभी निजी क्षेत्र को भी दूध बेचने वालों को भी सब्सिडी देने की मांग कर रहे हैं. पिछले कई दिनों से दूध की कीमत में उतार-चढ़ाव के चलते सब्सिडी का सवाल सामने आया है. सरकार ने निजी और सहकारी समितियों के दैनिक दूध संग्रहण की जानकारी खुद जुटाई. लेकिन सरकार ने केवल सहकारी समितियों को आपूर्ति किये जाने वाले दूध पर सब्सिडी देने की घोषणा की है.
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