महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए बड़ी मदद, एक दिन का वेतन 'दान' करेंगे सरकारी कर्मचारी

महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए बड़ी मदद, एक दिन का वेतन 'दान' करेंगे सरकारी कर्मचारी

महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये का बड़ा राहत पैकेज जारी किया है. सभी सरकारी कर्मचारियों को मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन की तनख्वाह देने का निर्देश भी दिया गया है.

महाराष्ट्र के किसानों के लिए राहत का रास्ता साफमहाराष्ट्र के किसानों के लिए राहत का रास्ता साफ
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Oct 09, 2025,
  • Updated Oct 09, 2025, 3:25 PM IST

महाराष्ट्र में इस वर्ष हुई भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. राज्य के 29 जिले इस प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे हैं. इस कठिन समय में, सरकार ने प्रभावित किसानों की मदद के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. आपको बता दें महाराष्ट्र के किसानों को मदद पहुंचाने के लिए सरकार ने पीएम मोदी से भी मदद की मांग की है. 

कर्मचारियों से एक दिन की वेतन मांगी

महाराष्ट्र सरकार ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे अपनी एक दिन की तनख्वाह मुख्यमंत्री राहत कोष (CMRF) में जमा करें. यह राशि किसानों और बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए उपयोग की जाएगी. यह कदम IAS, IPS और राज्य सेवा के सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है. जो कर्मचारी व्यक्तिगत कारणों से योगदान नहीं दे सकते, वे अपने कार्यालय को लिखित आवेदन दे सकते हैं.

किसानों को तुरंत मिलेगा मुआवजा

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की है कि राज्य की बाढ़ प्रभावित 253 तालुकों और 2059 मंडलों में किसानों को बिना 65 मिमी बारिश की शर्त के तत्काल मुआवजा दिया जाएगा. सरकार 31,628 करोड़ रुपये का बड़ा राहत पैकेज लेकर आई है ताकि किसानों की फसल, पशु और बुनियादी जरूरतों की पुनर्स्थापना हो सके.

मुआवजे की रकम क्या होगी?

  • शुष्क भूमि पर खेती करने वाले किसानों को 18,500 रुपये प्रति हेक्टेयर
  • मौसमी सिंचाई के लिए 27,000 रुपये प्रति हेक्टेयर
  • सिंचाई के लिए 32,500 रुपये प्रति हेक्टेयर

यह राहत पैकेज दिवाली से पहले किसानों के खाते में पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, जो अब तक का सबसे बड़ा वित्तीय सहारा माना जा रहा है.

नुकसान और सरकार की सहायता

राज्य में करीब 1 करोड़ 43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें लगी थीं, जिनमें से 68 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र प्रभावित हुआ है. फसल के साथ-साथ पशु, मकान, दुकानें और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान हुआ है. सरकार ने पहले ही प्रभावित इलाकों में 10,000 रुपये की तत्काल सहायता दी है और 2,200 करोड़ रुपये की पहली किस्त मंजूर की है.

बीमित किसानों को भी मिलेगी मदद

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बीमित किसानों को जल्द मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. इसके अलावा अन्य किसानों को प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की राशि दी जाएगी. इस मदद के लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट रखा गया है.

मकान और पशु पालन के लिए सहायता

पीएम आवास योजना के तहत क्षतिग्रस्त मकानों की जगह नए मकान बनाने के लिए मदद दी जाएगी. पहाड़ी क्षेत्रों में मकान बनाने के लिए अतिरिक्त 10,000 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा, प्रभावित दुकानों के लिए 50,000 रुपये, मृत पशुओं के लिए 37,500 रुपये प्रति पशु और मुर्गियों के लिए 100 रुपये प्रति मुर्गी का मुआवजा भी दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री राहत कोष से बड़ी सहायता

मुख्यमंत्री राहत कोष से भी प्रभावित लोगों को बड़ी मात्रा में सहायता दी जाएगी. सरकार ने यह भी कहा है कि बाढ़ के कारण शिक्षा प्रभावित न हो, इसलिए जिन छात्रों के दस्तावेज या सामग्री खराब हुई है, उनकी मदद की जाएगी.

विपक्ष का सवाल, कर्ज माफी कब?

कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार से सवाल उठाया है कि किसानों को जो कुल मदद मिली है वह उनके नुकसान के सामने कम है. साथ ही उन्होंने किसान कर्ज़ माफी की मांग भी दोहराई है.

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