मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को 'विकसित यूपी 2047' बनाने का जो अभियान शुरू किया है, वह अब एक जन आंदोलन बनता जा रहा है. दिलचस्प बात यह है कि इस अभियान में ग्रामीण युवाओं ने अभूतपूर्व उत्साह दिखाया है. पहली बार गांवों से इतनी बड़ी संख्या में युवा प्रदेश के विकास के हर पहलू पर अपनी राय दे रहे हैं. सरकार के पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक करीब 27 लाख सुझाव प्राप्त हुए हैं. इनमें से लगभग 21 लाख सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और करीब 6 लाख शहरी क्षेत्रों से आए हैं. यानी, शहरों से कहीं अधिक सक्रिय हैं यूपी के गांवों के युवा, जो अपने सुझावों से ‘विकसित यूपी’ के ब्लूप्रिंट को आकार दे रहे हैं.
गांवों के युवाओं का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में विकास की गति तेज हुई है और वे इस परिवर्तन का हिस्सा बनना चाहते हैं. इसी क्रम में महराजगंज के किसान युवक अमन चौधरी कहते हैं कि खेती में तकनीक का इस्तेमाल जरूरी है. हर ब्लॉक में कोल्ड स्टोरेज और डिजिटल मंडी बने ताकि फसल का सही दाम मिले. वहीं वाराणसी के प्रवीण सिंह का सुझाव है कि युवाओं को स्टार्टअप्स के लिए आसान लोन और तकनीकी मार्गदर्शन मिले. अब गांवों में भी इनोवेशन की लहर है.
इसके साथ कृषि क्षेत्र से 6 लाख सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिनमें तकनीकी खेती, AI आधारित फसल प्रबंधन, ड्रिप इरिगेशन, कोल्ड स्टोरेज और किसान ड्रोन जैसे विषय प्रमुख हैं. अयोध्या के युवा किसान मनोज तिवारी का कहना है कि कृषि को स्मार्ट बनाना ही विकसित यूपी की असली पहचान होगी. उधर, गोंडा की ममता वर्मा ने कहा है कि महिलाओं के लिए रोजगार और शिक्षा के अवसर बढ़ें, तभी गांवों में आत्मनिर्भरता आएगी.
जबकि ग्रामीण युवाओं का विश्वास साफ झलकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में जो पारदर्शिता, सुशासन और विकास की गति दी है, वह उन्हें अपनी बात खुलकर रखने की हिम्मत देती है. लंदन में हाल ही में 'विकसित यूपी 2047' का लोगो लॉन्च हुआ, जहां एनआरआई समुदाय ने भी योगी के विज़न की सराहना की. यूके, दुबई और अमेरिका के प्रवासी भारतीयों ने भी इस अभियान में सुझाव भेजे हैं, जिससे ये पहल अब वैश्विक स्वरूप ले चुकी है.
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश के युवाओं से मिले इन सुझावों का अध्ययन कर सरकार उन्हें भविष्य की विकास नीतियों में शामिल करेगी. यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश का ग्रामीण युवा सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि 'नीति निर्माता' की भूमिका में नजर आ रहा है. नीति विशेषज्ञों का मानना है कि यह जनभागीदारी आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को ‘विकसित भारत’ के मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करेगी.
आज का ग्रामीण युवा सिर्फ रोज़गार नहीं, 'सार्थक विकास' चाहता है. उसे योगी आदित्यनाथ में वह नेतृत्व दिख रहा है जो उसकी आकांक्षाओं को दिशा दे सके. गांव से निकली यह आवाज़ अब केवल सुझाव नहीं, बल्कि नए उत्तर प्रदेश की नींव का पत्थर बन चुकी है.
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