महाराष्‍ट्र में कृषि योजनाओं को लेकर बड़ा बदलाव, फर्जीवाड़ा करने वाले किसानों पर होगा तगड़ा एक्‍शन

महाराष्‍ट्र में कृषि योजनाओं को लेकर बड़ा बदलाव, फर्जीवाड़ा करने वाले किसानों पर होगा तगड़ा एक्‍शन

महाराष्ट्र सरकार ने किसानों की योजनाओं में लॉटरी खत्म कर 'पहले आओ, पहले पाओ' नियम लागू किया है. अब महाडीबीटी पोर्टल पर आवेदन करने वाले किसानों को पंजीकरण के क्रम में लाभ मिलेगा.

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महाराष्‍ट्र में कृषि योजनाओं को लेकर बड़ा बदलाव, फर्जीवाड़ा करने वाले किसानों पर होगा तगड़ा एक्‍शनमहाराष्‍ट्र में कृषि योजना में पहले आओ, पहले पाओ सिस्‍टम लागू (सांकेतिक तस्‍वीर)

महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के लिए चल रही कृषि कल्याण योजनाओं में अब 'पहले आओ, पहले पाओ' नियम लागू करने का फैसला किया है. अब तक इन योजनाओं के लिए लॉटरी प्रणाली अपनाई जाती थी. यह नया नियम इसी साल 1 अप्रैल से लागू माना जाएगा. कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब किसान जब 'महाडीबीटी' पोर्टल पर आवेदन करेंगे तो उन्हें पंजीकरण की तारीख और समय के आधार पर लाभ मिलेगा, जो आवेदन पहले लॉटरी में रह गए थे. उन्हें भी अब इसी नए नियम के तहत जोड़ा जाएगा. 

चयनित किसानों को SMS से मिलेगी जानकारी

चयनित किसानों को एसएमएस से सूचना दी जाएगी और उसके बाद उन्हें सात दिन के अंदर जरूरी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करने होंगे. अगर किसान तय समय में योजना का लाभ नहीं लेते हैं तो उनका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा और उसी वित्तीय वर्ष में उन्हें दोबारा मौका नहीं मिलेगा.

फर्जीवाड़े पर 5 साल तक योजनाओं से होंगे वंचि‍त

विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे महाडीबीटी पोर्टल पर दिए गए नए निर्देश ध्यान से पढ़ें और गलत जानकारी या फर्जी दस्तावेज न दें. ऐसा करने वाले किसानों को तुरंत योजना से बाहर कर दिया जाएगा और अगले पांच साल तक वे किसी भी कृषि योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे.

राज्‍य में बाढ़ से सैकड़ों मौतें

बता दें कि इस साल राज्‍य में भारी बारिश और बाढ़ से सैकड़ों लोगों की मौत हुई. वहीं, लाखों हेक्‍टेयर फसल बर्बाद हो गई. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यभर में बाढ़, बिजली गिरने और भूस्खलन जैसी घटनाओं में अब तक 337 लोगों की जान जा चुकी है. यह रिपोर्ट जिलाधिकारियों ने तैयार कर आपत्ती व्यवस्थापन, राहत और पुनर्वसन विभाग को सौंपी है. इसमें मई से सितंबर के बीच हुई बारिश से जुड़ी घटनाओं की जानकारी दी गई है. राज्य में भारी बारिश का दौर मई के आखिर से शुरू हुआ और अगस्त से सितंबर तक कई जिलों में लगातार तेज बारिश और बाढ़ की स्थिति बनी रही. 

किसानों की आत्‍महत्‍या के आंंकड़े शामिल नहीं

हालांकि, रिपोर्ट में किसानों की आत्महत्या के आंकड़े शामिल नहीं हैं. बारिश की मार सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं रही. 5,085 दुधारू पशु, 4,390 अन्य पशुधन और करीब 1.87 लाख मुर्गियां मारी गईं. 2,159 घर पूरी तरह तबाह हो गए, जबकि पहाड़ी इलाकों में 148 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए. 1,370 दुकानें और 519 झोपड़ियां भी मलबे में बदल गईं. इसके अलावा, 1,902 पशुशालाएं क्षतिग्रस्त हुईं और 42,622 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा.

69 लाख हेक्‍टेयर फसल बर्बाद

सितंबर में मराठवाड़ा और आसपास के इलाकों में आई भारी बारिश और बाढ़ ने 68.69 लाख हेक्टेयर में फैली फसलों को चौपट कर दिया. सबसे ज्यादा नुकसान बीड, छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड़, यवतमाल, लातूर, सोलापुर, धाराशिव, जालना, परभणी, बुलढाणा, हिंगोली, नाशिक और वाशीम जिलों में हुआ. राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि महायुति‍ सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजा पैकेज की घोषणा की है.

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