पंजाब से सटे हरियाणा राज्य में भी इस बार मॉनसून ने जमकर कहर बरपाया है. भारी बारिश से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है. खेतों में पानी भर गया है और इस जलभराव की वजह से खरीफ फसलें पूरी तरह से या आंशिक तौर पर खराब हो गई हैं. हरियाणा सरकार ने अब किसानों को राहत पहुंचाने के तहत एक बड़ा फैसला किया है. सरकार ने सरकार ने इस बड़े नुकसान को देखते हुए रोहतक, हिसार, चरखी दादरी, पलवल, सिरसा, नूहं और हिसार समेत कई जिलों के किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन की सुविधा को बढ़ा दिया है. पहले पोर्टल 31 अगस्त तक खुला था लेकिन अब राज्य के 12 जिलों के प्रभावित किसान सितंबर की एक तय तारीख तक आवेदन कर सकेंगे.
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 12 जिलों के 1402 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. इन प्रभावित गांवों के किसान ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अब 10 सितंबर तक मुआवजे के लिए अपने दावे अपलोड कर सकेंगे. पहले यह तारीख 31 अगस्त थी. जिन जिलों के गांवों पर बाढ़ का असर पड़ा है उनमें-
किसान https://ekshatipurti.haryana.gov.in/ पोर्टल पर जाकर अपने फसल नुकसान के दावे अपलोड कर सकेंगे. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अनुसार सरकार की तरफ से शुरू किया गया ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल वह जरिया है जो जलभराव से प्रभावित गांवों के किसानों को अपनी फसल के नुकसान के बारे में सरकार को बताने की आजादी देता है. उनका कहना था कि पोर्टल पर आए सभी दावों का वैरीफिकेशन संबंधित विभागीय अधिकारियों की ओर से किया जाता है. सीएम सैनी के ऑफिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार हाल ही में किसानों को 78.50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि वितरित की गई है. ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को दिसंबर 2024 में लॉन्च किया गया है.
सीएम सैनी ने कहा कि आज किसान राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की सराहना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले लोगों को मुआवजे के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था और अक्सर पैसा रास्ते में ही खो जाता था या उसका दुरुपयोग हो जाता था. लेकिन जब से पोर्टल शुरू हुआ है तब से किसानों को सही मुआवजा मिलने लगा है. सीएम सैनी के अनुसार विधानसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने पोर्टल के खिलाफ झूठा प्रचार किया और सत्ता में आने पर इसे बंद करने की बात भी कही. लेकिन जनता ने उनके एजेंडे को नकार दिया और चुनावों में उनका 'धंधा' खत्म कर दिया.
यह भी पढ़ें-