किसानों से धान खरीद को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. इस ऐलान के मुताबिक, 12 मार्च को प्रदेश के 24 लाख से अधिक किसानों के खाते में 13,000 करोड़ रुपये की राशि जमा कराई जाएगी. इस बारे में मुख्यमंत्री पिष्णु देव साय ने जानकारी दी. साय के मुताबिक जिन किसानों से धान की खरीद की गई है, उन्हें 12 मार्च को पैसा दिया जाएगा. यह पैसा उनके खाते में जमा कराया जाएगा.
किसानों को यह पैसा बोनस के तौर पर दिया जाएगा. धान की खरीद पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि MSP दिया जाता है. लेकिन 24 लाख किसानों के खाते में जमा की जाने वाली 13,000 करोड़ रुपये की राशि एमएसपी से अतिरक्त यानी कि बोनस है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हालिया विधानसभा चुनाव में किसानों को बोनस देने की बात कही थी. अब सरकार बनने के बाद अपनी गारंटी को पूरा कर रही है.
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से पहले किसानों से प्रति क्विंटल 3100 रुपये की खरीद का वादा किया था. खरीफ सीजन 2023-24 के लिए छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से 4 फरवरी तक धान खरीद की गई थी. इसमें 24 लाख किसानों से एमएसपी पर लगभग 147 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी. इसमें सरकार ने सामान्य ग्रेड के धान के लिए 2183 रुपये और ए ग्रेड धान के लिए 2203 रुपये का रेट तय किया था.
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बोनस देने के बारे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय ने कहा, अपने वादे के मुताबिक किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद की गई है. सीजन में 147 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है जो कि अपने आप में रिकॉर्ड है. किसानों को धान की खरीद के लिए सरकार ने एमएसपी दिया है. लेकिन वादे में बीजेपी ने कहा था कि हर किसान को धान का मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल दिया जाएगा. इस तरह एमएसपी के बाद 917 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर आया. अंतर की यह राशि किसानों को 12 मार्च को उनके खाते में जमा कराई जाएगी.
केंद्र सरकार की बात करें तो 2024-25 के दौरान गेहूं की खरीद का अनुमान लगभग 300-320 एलएमटी है, 2023-24 (रबी फसल) में धान की खरीद 90-100 एलएमटी की सीमा में है. केंद्र ने रबी मार्केटिंग सीजन (आरएमएस) 2024-25 और खरीफ सीजन (2023-24) के दौरान खरीद पर चर्चा के लिए राज्य खाद्य सचिवों के साथ बैठक की थी.
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विचार-विमर्श के बाद, आगामी रबी सीजन में 2024-25 के दौरान गेहूं खरीद का अनुमान 300-320 लाख मीट्रिक टन की सीमा में तय किया गया. खरीफ सीजन 2023-24 (रबी फसल) के दौरान चावल के संदर्भ में धान की खरीद का अनुमान 90-100 लाख मीट्रिक्स टन की सीमा में तय किया गया था. राज्यों द्वारा खरीद के लिए लगभग 6.00 LMT मोटे अनाज/बाजरा (श्री अन्ना) की मात्रा का भी अनुमान लगाया गया है.