बिहार के समस्तीपुर स्थित पूसा में गन्ना क्षेत्र को लेकर एक बड़ी उपलब्धि की ओर कदम बढ़ाया गया है. यहां देश का पहला और दुनिया का पांचवां अंतरराष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान केंद्र खोले जाने की संभावना जताई जा रही है. इस खबर ने बिहार को गन्ना उत्पादन और अनुसंधान के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने की उम्मीदें जगा दी हैं.
कृषि के क्षेत्र में बिहार की प्रगति उल्लेखनीय रही है. अब गन्ना उत्पादकता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पूसा में एक विश्वस्तरीय अनुसंधान केंद्र खोलने की योजना पर काम शुरू हो चुका है. विभागीय सूत्रों के अनुसार, इंटरनेशनल गन्ना रिसर्च सेंटर की स्थापना को लेकर तैयारी जारी है. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है. विभागीय सूत्रों के अनुसार, इंटरनेशनल गन्ना रिसर्च सेंटर की स्थापना को लेकर काम शुरू कर दिया गया है. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन यह जानकारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से साझा की है, जिससे यह विषय चर्चा में आ गया है.
गन्ना विभाग द्वारा लगातार बैठकों का दौर जारी है. विभाग के सचिव ने बताया कि विषय पर विचार-विमर्श हो रहा है और प्रक्रिया पूर्ण होते ही औपचारिक घोषणा की जाएगी. सूत्रों की मानें तो इस केंद्र को 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' का दर्जा मिल सकता है. यह केंद्र किसानों को उन्नत बीज, तकनीक और शोध से जुड़ी जानकारी देगा, जिससे उनकी आय और उत्पादकता में इजाफा होगा.
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू हो चुकी है और इसी क्रम में हर राजनीतिक दल अपनी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने में लगा है. इसी कड़ी में जेडीयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, गन्ना अनुसंधान में बिहार बनेगा अव्वल... देश का पहला और विश्व का पांचवां विश्वस्तरीय गन्ना अनुसंधान केंद्र अब पूसा, समस्तीपुर में खुलेगा.... वहीं, जानकारों का मानना है कि यह केंद्र न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के गन्ना किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
वहीं, समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी ने भी इस पहल को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने एक्स हैंडल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा– माननीय प्रधानमंत्री श्री@narendramodi जी के दूरदर्शी नेतृत्व और माननीय केंद्रीय कृषि मंत्री श्री@ChouhanShivraj जी के प्रयासों से पूसा में देश का पहला और दुनिया का पांचवां अंतरराष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान केंद्र स्थापित होने जा रहा है. यह ऐतिहासिक क्षण है.
अगर यह केंद्र बनता है तो न केवल बिहार के गन्ना किसानों को तकनीकी बढ़त मिलेगी, बल्कि पूरे देश के लिए यह अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा.