देश की 1 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन गई हैं. हरियाणा के कतलहरी गांव की ड्रोन दीदी सीता देवी हों या गुजरात के बनासकांठा की आशाबेन या फिर यूपी के सीतापुर की सुनीता देवी हों, देश के अन्य हिस्सों से बड़ी संख्या में महिलाएं ड्रोन दीदी योजना के जरिए आमदनी बढ़ाकर अपना जीवन संवार रही हैं. नमो ड्रोन दीदी योजना के जरिए केंद्र सरकार सेल्फ हेल्प ग्रुप को ड्रोन उपलब्ध करा रही है, जिसका इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है. वहीं, लखपति दीदी योजना के जरिए महिलाओं को ड्रोन उड़ाने समेत कई तरह स्किल्स सिखाई और विकसित की जा रही हैं. जबकि, उन्हें वित्तीय मदद भी दी जा रही है.
पीएम मोदी ने आज दिल्ली में सशक्त नारी-विकसित भारत कार्यक्रम में 1,000 नमो ड्रोन दीदियों को ड्रोन सौंपे हैं. सेल्फ हेल्प ग्रूप को बैंक ऋण के रूप में या पूंजीकरण सहायता निधि के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता भी दी गई. इसमें से प्रत्येक जिले में बैंकों द्वारा स्थापित बैंक लिंकेज शिविरों के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों (SHG) को रियायती ब्याज दर पर लगभग 8,000 करोड़ का बैंक लोन वितरित किया है. जबकि, प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समहू को लगभग 2,000 करोड़ पूंजीकरण सहायता निधि भी वितरित की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज 10,000 करोड़ रुपए की राशि इन दीदीयों के खाते में जमा कराई गई हैं. कोई भी देश या समाज में नारी शक्ति की गरिमा बढ़ाते हुए ही आगे बढ़ सकता है. मेरा अनुभव है कि अगर महिलाओं का थोड़ा अवसर-सहारा मिल जाए तो उन्हें सहारे की जरूरत नहीं रहती है वे लोगों का सहारा बन जाती हैं. उन्होंने कहा कि आज मुझे नमो ड्रोन दीदी अभियान के तहत 1,000 आधुनिक ड्रोन महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को सौंपने का अवसर मिला. देश में 1 करोड़ से ज़्यादा बहने लखपति दीदी बन चुकी हैं.
पीएम मोदी ने नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा में ‘नमो ड्रोन दीदियों’ की ओर से आयोजित कृषि ड्रोन प्रदर्शनी को देखा. पीएम ने कहा कि भारत की कृषि को नई दिशा देने वाली ड्रोन टेक्नोलॉजी की पहली पायलट, हमारी बहनें हैं, हमारी बेटियां हैं. उन्होंने कहा कि हमारी बहनें देश को सिखाएंगी कि ड्रोन से आधुनिक खेती कैसे की जाती है.
केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 में NAMO ड्रोन दीदी योजना शुरू की थी. ड्रोन दीदी योजना के जरिए स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाओं में से 15000 से अधिक महिलाओं को ड्रोन दीदी बनाने का लक्ष्य है. जबकि, लखपति दीदी योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाओं को ड्रोन दीदी योजना के रूप में ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. लखपति दीदी योजना के जरिए महिलाओं को उनकी ट्रेनिंग, स्किल डेवलपमेंट, रोजगार के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है. योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. लखपति दीदी योजना का बजट भी 2 हजार करोड़ से बढ़ाकर इस बार 3 हजार करोड़ रुपये किया गया है.