गुरदासपुर में रेलवे ट्रैक पर दो दिन से जमे किसान, इन मांगों पर विरोध प्रदर्शन जारी

गुरदासपुर में रेलवे ट्रैक पर दो दिन से जमे किसान, इन मांगों पर विरोध प्रदर्शन जारी

किसान नेता सवर्ण सिंह पंडेर ने कहा, आज दूसरे दिन रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं. पहले भी बैठते रहे हैं, लेकिन इस बार तैयारी बड़ी है. पंजाब में नशे का मामला बड़ा है जिसका शिकार प्रदेश के लाखों युवा बन चुके हैं. रोजगार का मुद्दा भी बड़ा है जिस पर सरकार कोई मुकम्मल जवाब नहीं दे रही है.

गुरदासपुर में रेलवे ट्रैक पर किसानों का धरना प्रदर्शनगुरदासपुर में रेलवे ट्रैक पर किसानों का धरना प्रदर्शन
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  • Gurdaspur,
  • Feb 23, 2023,
  • Updated Feb 23, 2023, 6:09 PM IST

पंजाब के गुरदासपुर में किसान-मजदूर जत्थेबंदी के बैनर तले गुरदासपुर का रेलवे ट्रैक जाम कर दिया गया है. किसान और मजदूर गुरुवार को दूसरे दिन रेलवे ट्रैक पर जमे हुए हैं. इन किसान-मजदूरों की कई मांगें हैं जो पंजाब सरकार के सामने रखी गई हैं. इनमें गन्ने का बकाया, भूजल स्तर को बनाए रखने की कोशिश, पंजाब में सिंचाई की व्यवस्था को मजबूत करने, फसलों की उचित कीमत और न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया जाना प्रमुख है. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

रेलवे ट्रैक पर धरना में जत्थेबंदी के अगुआ सवर्ण सिंह पंडेर ने कहा जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मानती, तक तक हम इसी तरह रेलवे ट्रैक जाम रखेंगे. पंडेर ने कहा कि सरकार पहले भी कई मांगें मानने का बहाना बनाकर मुकर चुकी है. इसलिए जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मानती तक तक हम गुरदासपुर रेलवे ट्रैक जाम रखेंगे. इस ट्रैक के जाम होने से करीब 10 ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं.

रेलवे ट्रैक पर धऱने के दूसरे दिन किसान नेता सवर्ण सिंह ने कहा, प्रशासनिक अधिकारी पंजाब सरकार से बात कर रहे हैं. लेकिन अभी तक हमारी मांगों का कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है. सुवर्ण सिंह का कहना है कि सरकार की तरफ से गन्ने के बकाये का कोई ठोस समाधान नहीं दिया गया है. पॉल्युशन एक्ट का मामला भी किसानों और सरकार के बीच मतभेद का मामला बना हुआ है. सरकार पर आरोप है कि वह गंभीरता से किसानों-मजदूरों के मसले का कोई हल नहीं कर रही है.

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किसान नेता सवर्ण सिंह पंडेर ने कहा, आज दूसरे दिन रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं. पहले भी बैठते रहे हैं, लेकिन इस बार तैयारी बड़ी है. पंजाब में नशे का मामला बड़ा है जिसका शिकार प्रदेश के लाखों युवा बन चुके हैं. रोजगार का मुद्दा भी बड़ा है जिस पर सरकार कोई मुकम्मल जवाब नहीं दे रही है. किसानों पर कर्ज, खेती नीति, भूजल स्तर का लगातार नीचे जाना, दलहन और तिलहन के एमएसपी के लिए गारंटी कानून जैसे मुद्दों पर सरकार से ठोस पहल की मांग की जा रही है. 

इसके अलावा, सही मुआवजा नीति नहीं होने से किसानों की जमीन अधिग्रहण होने के बाद अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं. सवर्ण सिंह ने कहा, किसान-मजदूर चंडीगढ़ जाएंगे और पंजाब के मुख्यमंत्री से बात करेंगे. जब तक खुद इन मसलों का ठोस हल नहीं निकल जाता, तब तक किसानों और मजदूरों का आंदोलन जारी रहेगा. मांगें नहीं मानी गईं तो और जगहों पर भी रेलवे ट्रैक जाम किया जाएगा. 

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रेलवे ट्रैक पर जमे किसान दो दिन से पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. किसानों का नारा है कि सरकार से गन्ने का बकाया लेकर रहेंगे. किसानों की कई मांगों में सबसे अहम गन्ने के बकाये का भुगतान है. किसान प्रदूषण रोकथाम एक्ट लागू करने की भी मांग कर रहे हैं. किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के लिए सरकारी नौकरी की मांग की जा रही है. किसानों और मजदूरों के कर्ज को खत्म करने की मांग उठाई जा रही है.(रिपोर्ट/शमशेर बिट्टू)

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