
मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसानों के लिए आज का दिन बड़ा साबित हुआ. राज्य सरकार ने आज भावांतर योजना की राशि किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भावांतर भुगतान योजना अन्नदाता के उत्थान का प्रतीक बन चुकी है. किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना के तहत गुरुवार को 1.33 लाख किसानों के खातों में 233 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई.
मुख्यमंत्री ने देवास में आयोजित विशाल जनसभा में कहा कि हमारी सरकार ने योजना की शुरुआत के महज 15 दिन के भीतर ही किसानों से किया वादा पूरा किया है. मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने किसानों को एमएसपी की गारंटी देने के लिए भावांतर योजना लागू की है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 5300 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक किया गया है, जिससे किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त लाभ मिला है. प्रदेश में 9 लाख से अधिक किसानों ने योजना में रजिस्ट्रेशन कराया है और अब 15 जनवरी तक मंडियों में सोयाबीन की बिक्री की जा सकेगी.
राज्य में 220 से अधिक मुख्य मंडियों और 80 उपमंडियों में खरीदी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है, ई-मंडी पोर्टल से रेट तय हो रहे हैं और राशि सीधे किसानों के खाते में पहुंच रही है. निगरानी के लिए सीसीटीवी और रियल टाइम एंट्री की व्यवस्था भी की गई है.
मुख्यमंत्री ने देवास में 183.25 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्यों का भूमि-पूजन किया और जैविक खेती, कृषि यंत्र वितरण सहित विभिन्न योजनाओं के हितलाभ भी वितरित किए. उन्होंने कृषि यंत्रों एवं जैविक खेती को प्रोत्साहन देने वाली प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि वर्ष 2026 को कृषि आधारित उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा.
डॉ. यादव ने कहा कि किसानों की समृद्धि ही प्रदेश की पहचान है. राज्य सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने पर 4 हजार रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी दे रही है. डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना शुरू की गई है, जिसके तहत 40 लाख रुपए के डेयरी प्रोजेक्ट पर 10 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. किसानों को नरवाई (पराली) की समस्या से राहत दिलाने के लिए कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट भी स्थापित किए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मोटे अनाज ‘श्रीअन्न’ पर 1000 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिया गया है. धान और गेहूं उत्पादक किसानों को भी बोनस का लाभ मिला है. साथ ही लाड़ली बहना योजना में राशि बढ़ाकर 1500 रुपए कर दी गई है. उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक सप्ताह विभिन्न योजनाओं की राशि प्रदेशवासियों के खातों में अंतरित की जाएगी.
कार्यक्रम में कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा कि भावांतर योजना लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का इकलौता राज्य है. सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी और विधायक गायत्री राजे पंवार ने भी किसानों के हित में मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की. देवास में मुख्यमंत्री का किसान मोर्चा और नागरिकों ने भव्य स्वागत किया.