
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने सोमवार को किसानों के लिए भावांतर भुगतान योजना के तहत 300 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का फैसला किया, जिससे किसानों को बड़ा फायदा होगा. सोयाबीन का पहला मॉडल रेट 4,036 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है और अब रोजाना के रेट रियल टाइम में जारी किए जा रहे हैं. मीटिंग के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, प्रदेश के MSME मंत्री चैतन्य कुमार कश्यप ने कहा कि यह रकम 13 नवंबर को देवास से सिंगल-क्लिक सिस्टम के जरिए 1.32 लाख किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाएगी.
मंत्री ने कहा, "इस योजना के तहत कीमत का अंतर लगभग 1,300 रुपये प्रति क्विंटल है." "अब जब तक यह योजना चलेगी, मॉडल रेट हर दिन घोषित किए जाएंगे. अब तक 1,60,000 किसानों ने इस योजना के तहत लगभग 2.70 लाख टन सोयाबीन बेचा है. पेमेंट बिना किसी बिचौलिए के तुरंत किया जाता है," उन्होंने कहा.
भावांतर भुगतान योजना का पोर्टल यह पक्का करता है कि किसानों को मॉडल रेट और असल बाजार कीमत के बीच का अंतर सीधे उनके खातों में मिले. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में, इस योजना को देश में सबसे सफल भावांतर सिस्टम बताया गया, जिसने पारदर्शिता और तुरंत पेमेंट के लिए एक राष्ट्रीय बेंचमार्क तैयार किया गया है.
कैबिनेट ने कहा कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है जिसने कुछ दिन पहले ही फसल खराब होने पर मुआवजा दिया है, फसल के मंडियों में पहुंचने से पहले ही, इस कदम की काफी तारीफ हुई है. मंत्री ने कहा, "हमारी सरकार किसानों को आर्थिक सुरक्षा देकर उन्हें मजबूत बनाने में विश्वास रखती है. भावांतर योजना भरोसे का प्रतीक बन गई है."
उन्होंने आगे कहा कि खरीद सीजन खत्म होने तक रोजाना रेट अपडेट जारी रहेंगे. ऑफिशियल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन खुला है, और हर जिले में हेल्पलाइन एक्टिवेट कर दी गई हैं.
इस योजना में सोयाबीन, उड़द, मूंग और अन्य नोटिफाइड फसलें शामिल हैं. पिछले साल, 18 लाख किसानों को 2,400 करोड़ रुपये से ज्यादा बांटे गए थे. कैबिनेट ने खरीद इंफ्रास्ट्रक्चर का भी रिव्यू किया. 350 से अधिक खरीद केंद्र बनाए गए हैं, और 15 किमी से ज्यादा दूर रहने वाले किसानों के लिए ट्रांसपोर्ट सब्सिडी भी दी जा रही है. मंत्री ने जो देकर कहा, "कम बाजार कीमतों के कारण किसी भी किसान को नुकसान नहीं होना चाहिए."
सरकार ने बताया है कि रविवार को सोयाबीन का नया मॉडल रेट 4036 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. यह दर उन किसानों के लिए लागू होगी जिन्होंने अपनी उपज कृषक पंजीयन के माध्यम से अनुमोदित मंडी परिसरों में बेची है. इस दर के आधार पर ही पात्र किसानों को भावांतर राशि का भुगतान किया जाएगा. मॉडल रेट में पिछले दो दिनों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. 9 नवंबर को यह रेट बढ़कर 4036 रुपये क्विंटल पहुंच गया है.