झारखंड में सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों तक पहुंचना आज भी लोगों के लिए एक चुनौती है. आज भी इन ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को शहरों तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है या फिर समय से ही सुबह औऱ शाम के वक्त सिर्फ परिवहन की सुविधा उपल्बध हो पाती है. यातायात सुविधाओं में कमी के कारण इन क्षेत्रों के बच्चे बेहतर शिक्षा हासिल करने के लिए रोज शहर नहीं जा पाते हैं या फिर काम करने के लिए रोज शहर नहीं जा पाते हैं. लोगों की इन परेशानियो को दूर करने के उद्देश्य से झारखंड में मुख्यमंत्री गाड़ी ग्राम योजना की शरुआत की गई है. रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने इस योजना की शरुआत की. इस योजना से राज्य की ग्रामीण जनता को लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाली बसों को सब्सिडी दी जाएगी. इससे बसों का किराया कम हो जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए शहरों तक या मुख्यालयों तक पहुंचना आसान हो जाएगा. इस योजना के पहले चरण में 250 से अधिक गाड़ियां गांव से शहरों तक आएगी. योजना के तहत मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन रांची के मोरहाबादी मैदान में 83 बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वाहनों में झारखंड आंदोलनकारी, छात्र-छात्राएं, बुजुर्ग, विधवा, दिव्यांग और एचआईवी संक्रमित लोग मुफ्त में यात्रा कर सकेंगे. इस पहल से शहर और गांवों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी.
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योजना के तहत बस संचालकों को वाहन खरीद पर सब्सिडी मिलेगी.बसों के परिचालन में परेशानी न हो, इसके लिए सभी वाहनों को रोड टैक्स से 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी. इसके अलावा योजना के तहत सरकार हर बस को प्रति किलोमीटर 10 रुपए की सब्सिडी देगी. इस सब्सिडी के कारण बसों का किराया लगभग आधा हो जाएगा. सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले बसों को यह सब्सिडी प्रदान करेगी. आवागमन में सुविधा होने से गांव और शहरों के बीच की दूरी कम हो जाएगी. इससे गांवों के विकास में तेजी आयेगी. गांव से भी ग्रामीण सीधे जिला मुख्यालय जाकर अलग-अलग विभाग के अधिकारियों से मिल सकेंगे और जानकारी हासिल कर सकेंगे.
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इस योजना में निजी वाहन मालिक भी शामिल हो सकते हैं. पर इसमें शामिल होने के लिए बसों को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा. बसों को संचालन ग्रामीण क्षेत्रों में होना चाहिए. जो भी बसें इसमें शामिल होंगी उन बसों को कम से कम 20 सीटर होना चाहिए. उसमें 20 यात्रियों की क्षमता होनी चाहिए. बसों को अच्छी स्थिति में होना चाहिए. झारखंड के जो भी वाहन मालिक है वो इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं. हालांकि उन वाहनों को योजना में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जाएगी जो 20 साल से अधिक पुराने हो गए हैं. योजना के लिए आदेवन करने के लिए आवेदक की उम्र कम से कम 18 वर्ष की होनी चाहिए. इसके साथ ही गाड़ी का परमिट और इंश्योरेंस होना आवश्यक है.