झारखंड में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए राज्य सरकार योजनाएं भी चला रही है. योजना के तहत राज्य में डेयरी फार्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जा रही है.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना शुरू की है. यह योजना किसानों को गाय और भैंस खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है, इसका लाभ उठाते हुए किसान बिना किसी वित्तीय परेशानी का सामना करते हुए दूध का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और अपने लिए रोजगार के नए विकल्प तलाश कर सकते हैं साथ ही राज्य के दूध उत्पादन में अपना योगदान से सकते हैं.
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का प्राथमिक लक्ष्य झारखंड के किसानों को सब्सिडी प्रदान करके पशुपालन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना है. इस पहल का उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले मवेशी खरीदने और डेयरी व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बनाकर उनकी आजीविका में सुधार करना है. इस योजना के जरिए आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को गाय भैंस खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, ताकि उन्हें रोजगार से जोड़ा जा सके.झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाना है.
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झारखंड सरकार मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत दुधारू पशुओं की खरीद के लिए 90 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है. यह सब्सिडी खास तौर पर अनाथों, दिव्यांग व्यक्तियों, विधवाओं और निःसंतान दंपत्तियों को दी जाती है. इसके अलावा अन्य आर्थिक रूप से पिछले समूहों के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. शेष राशि किसानों को खुद से चुकानी पड़ती है.योजना के तहत लाभ देने के लिए महिला किसानों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है. सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है.
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से लाभ उठाने के लिए आवेदकों को इन मापदंडों को पूरा करना होगा.
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