केंद्र सरकार संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) के तहत अल्पावधि फसल लोन की ऊपरी सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की योजना बना रही है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस कदम का प्रस्ताव कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में विचाराधीन है, जिससे किसान रियायती दर पर अधिक उधार ले सकेंगे. राज्य सरकारें सीमा बढ़ाने की मांग कर रही हैं. इसके तहत किसान 7 फीसदी की रियायती वार्षिक ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड से लोन ले सकते हैं और समय पर पुनर्भुगतान के मामले में 4 फीसीद ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं.
सूत्रों ने बताया कि 10 जुलाई को उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और ऊपरी सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की मांग की. MISS के तहत, कृषि और अन्य संबद्ध गतिविधियों में लगे किसान 9 फीसदी की बेंचमार्क दर पर 23 लाख रुपये तक के किसान क्रेडिट कार्ड से लोन प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि, केंद्र बेंचमार्क दर पर 2 फीसदी ब्याज सहायता प्रदान करता है, जिससे ब्याज दर में कमी आती है.
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कृषि मंत्रालय के अनुसार, ब्याज अनुदान योजना का लाभ किसान क्रेडिट कार्ड रखने वाले छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा. वहीं, फसल कटाई के बाद के बाद छह महीने के लिए भी लोन उपलब्ध है, जिसका उद्देश्य उन्हें अपनी उपज की संकटग्रस्त बिक्री से बचाना है. 3 लाख की ऊपरी सीमा 2006-07 से अपरिवर्तित बनी हुई है, जब ब्याज अनुदान योजना, MISS का मूल संस्करण, तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा शुरू किया गया था.
वित्त वर्ष 2023-24 में, केंद्र ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए कृषि लोन लक्ष्य 120 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया था. इसने MISS के तहत ब्याज सहायता के लिए 23,000 करोड़ रुपये भी आवंटित किए थे, हालांकि संशोधित अनुमान चरण में यह आंकड़ा घटाकर 18,500 करोड़ कर दिया गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल 1 फरवरी को संसद में पेश अंतरिम बजट में 2024-25 के लिए MISS के तहत 22,600 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.
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