झारखंड में नई कृषि मंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण करते ही दीपिका पांडेय सिंह एक्शन मोड में आ गई हैं और राज्य के किसानों के लिए कई बड़े फैसले ले रही हैं. इसी के तहत कृषि मंत्री ने राज्य के पशुपालकों को तोहफा दिया है. इसका लाभ राज्य के उन लाखों पशुपालकों को मिलेगा जो दूध उत्पादन करते हैं. कृषि मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा है कि अब राज्य के पशुपालकों के लिए दूध पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि (बोनस) को बढ़ाया जाएगा. पहले दूध उत्पादन करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि के तौर पर प्रति लीटर दो रुपये मिलते थे. अब उसमें 3 रुपये और बढ़ा दिए गए हैं. अब किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि मिलेगी.
सरकार की इस घोषणा से राज्य के पशुपालक काफी खुश हैं. दूध की बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि का लाभ झारखंड के उन दुध किसानों को मिलेगा जो झारखंड मिल्क फेडरेशन द्वारा संचालित दूध कलेक्शन सेंटर में जाकर दूध देते हैं. यह योजना वित्त वर्ष 2024-25 के लिए चलाई जा रही है. योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहन राशि देने के लिए 47.45 करोड़ रुपये की राशि भी मंजूर की गई है. इस योजना से राज्य के 68 हजार दूध उत्पादक किसानों को लाभ होगा. इससे पहले झारखंड मिल्क फेडरेशन के कलेक्शन सेंटर में दूध देने वाले किसानों को राज्य सरकार की तरफ से दो रुपये प्रति लीटर का बोनस दिया जाता था. यह राशि दूध के दाम से अलग दी जाती है.
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पशुपालकों के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए रांची जिले के बुढ़मू प्रखंड अंतर्गत सारले गांव के किसान रामेश्वर गोप ने कहा कि राज्य सरकार का यह फैसला किसानों को राहत देने वाला है. पर जिस तरह महंगाई बढ़ी है उसके अनुसार दूध की कीमतें और बढ़नी चाहिए, तब जाकर ही पशुपालकों को लाभ मिल सकता है. रामेश्वर गोप ने बताया कि बरसात में पशु चारे के दाम और बढ़ जाते हैं. अभी वो 32-35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चोकर खरीदते हैं, 32-35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मकई दर्रा खरीदते हैं, जबकि 50 रुपये किलो बादाम खली खरीदते हैं. इसके अलावा भी और खर्च होता है. ऐसे में दूध के दाम कम मिलने पर पशुपालकों को नुकसान हो जाता है.
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कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने पशुपालकों के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाए जाने के अलावा और भी कई फैसले किए हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्रीय प्रायोजित रेनफेड क्षेत्र विकास योजना के लिए राशि की मंजूरी दी गई है. इसमें केंद्र की तरफ से भी राशि दी जाती है. इसके साथ ही मंत्री ने कृषक मित्रों के मानदेय को बढ़ाकर 1000 रुपये से 2000 रुपये प्रति माह करने के लिए जल्द प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया है. खरीफ फसल का सीजन चल रहा है. इस समय किसानों को उर्वरकों की दिक्कत नहीं हो, इसे लेकर कृषि मंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी उर्वरक निर्धारित दर पर ही बेचे जाएं. नकली उर्वरकों की बिक्री पर भी रोक लगाए जाने के लिए सतर्क रहें.