केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की गुरुवार को राज्यों के कृषि मंत्रियों और आला अफसरों के साथ महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक हुई. बैठक में कृषि मंत्री ने बताया कि 23 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राकृतिक खेती मिशन को पूसा, दिल्ली से लांच करेंगे. कृषि मंत्री ने कहा कि आगामी रबी सीजन के दौरान 3 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक विजय पर्व के रूप में "विकसित कृषि संकल्प अभियान" चलेगा. उन्होंने बताया कि इस बार रबी कांफ्रेंस दो दिन 15 और 16 सितंबर को दिल्ली में होगी. अगले पांच साल की कृषि क्षेत्र की कार्ययोजना बनेगी, प्रगतिशील किसानों और विशेषज्ञों से सुझाव लिए जाएंगे. आइए जानते हैं कि कृषि मंत्री ने बैठक में क्या कहा-
इस साल बंपर क्रॉप आई है, भारत ने गेहूं के उत्पादन में, धान के उत्पादन में और मक्का के उत्पादन में नए रिकार्ड बनाए हैं. सोयाबीन और मूंगफली के उत्पादन में भी हमने रिकार्ड बनाए हैं. इस साल भी वर्षा अच्छी हुई है बल्कि पहले हो गई थोड़ी 15 दिन पहले बारिश आ गई और व्यापक पैमाने पर वर्षा हुई है और इसलिए बुआई का क्षेत्रफल भी बढ़ा है. विशेषकर मक्का और धान की बुआई बड़े व्यापक पैमाने पर किसानों ने की है. आज मैंने देशभर के कृषि मंत्रियों से और कृषि विभाग के अधिकारियों से कई विषयों पर चर्चा की है. मेरी कोशिश रहती है कि कृषि मंत्रियों के साथ मिलकर इम्प्लीमेंट करें, क्योंकि कई चीजें राज्यों को करनी है, उनके साथ मिलकर समय पर हम फसलों की डिटेल और एडवांस प्लानिंग करें.
कृषि मंत्री ने कहा, अब हम रबी की तैयारी शुरू कर रहे हैं और रबी की फसल की तैयारी के लिए 15 और 16 सितंबर को रबी कॉन्फ्रेंस की जाएगी. कॉन्फ्रेंस के एक दिन राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर केंद्र सरकार के अधिकारी, राज्य सरकार रबी का रोडमेप बनाएंगे. रबी की फसल का, रबी की फसल उसके लिए बीज, खाद और बाकी व्यवस्थाओं पर चर्चा करेंगे. दूसरे दिन सभी राज्यों के कृषि मंत्री इकट्ठे होंगे, अधिकारी भी रहेंगे और हम अलग-अलग ग्रुप बनाएंगे अधिकारियों के, जो खेती से संबंधित अलग-अलग विषयों पर ग्रुप में चर्चा करेंगे. और, बाद में हम राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ मिलकर रबी का पूरा रोडमेप तय करेंगे. रबी की बुआई से लेकर बीज, खाद और पद्धतियों से लेकर अब चीजों की व्यवस्था हम ठीक से करेंगे ताकि रबी के क्षेत्र में भी हम इस बार फिर नए रिकार्ड बना सकें.
कृषि मंत्री ने कहा, आज हमने दलहन मिशन पर चर्चा की, तिलहन मिशन पर चर्चा की, प्रधानमंत्री जी ने स्वदेशी के लिए अपील की है और हमारी कोशिश यह होगी कि हमें विदेशों से दलहन और तिलहन भी ना मंगाना पड़े. आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती सुरक्षित रहे और अन्न पैदा करती रहे, इसके लिए ज़रूरी है कि उर्वरक, पेस्टिसाइड का इस्तेमाल संतुलित हो. केमिकल फर्टिलाइज़र रहित खेती, मतलब प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दें. 23 अगस्त को प्रधानमंत्री प्राकृतिक कृषि मिशन को दिल्ली से लांच करेंगे. ICAR संस्थान राज्यों के साथ मिलकर इसकी व्यापक तैयारी कर रहा है. ताकि, पर्यावरण और धरती बचाने के काम में भारत दुनिया को भी योगदान दे सके. हमने खरीफ की फसल के लिए विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया था, अब रबी की फसल के लिए विकसित कृषि संकल्प अभियान चलेगा.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ये अभियान 3 अक्टूबर से प्रारंभ होगा, दशहरा के दूसरे दिन, खाद की समस्याओं पर विजय प्राप्त करने के लिए कृषि विभाग का विकसित कृषि संकल्प अभियान, जो धनतेरस के दिन खत्म होगा. ताकि धन-धान्य से परिपूर्ण हमारा देश रहे, उसके लिए भी राज्यों के कृषि मंत्री से हमने चर्चा की है. हमने खाद की समस्या के बारे में राज्यों से फ़ीडबैक लिया है, पिछले साल से ज़्यादा खाद, यूरिया और बाकी चीजें इस बार राज्यों में गया है. फिर भी कई जगह राज्यों से खबरें कमी की आती हैं, इसलिए हमने राज्य सरकारों और कृषि मंत्रियों से चर्चा की है. राज्य सरकार के मंत्रियों ने भी जो बात कही, वो नोट की है, लेकिन ज़्यादा जाने के बाद भी जब राज्य में जाता है तो वितरण का काम राज्य सरकार ही करती है.
यूरिया की कमी पर कृषि मंत्री ने राज्य सरकारों से कहा कि वे यूरिया वितरण का काम देखें, निगरानी समिति बनाएं, कहीं ऐसा तो नहीं गैर-कृषि कार्यों में खाद का उपयोग हो रहा है? क्योंकि यूरिया जैसे खाद में 92% सब्सिडी है, अगर खाद 100 रुपये का है तो 92 रुपये सरकार देती है और 8 रुपये किसान देता है. डाइवर्जन रुके और कालाबाज़ारी जैसी चीजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई राज्य करें, क्योंकि खाद उपलब्ध है, तभी तो उसे दूसरा भी बेच रहा है. खाद निरंतर आ रहा है, जियो-पॉलिटिकल परिस्थिति के कारण थोड़ी दिक्कतें ज़रूर आईं, लेकिन उसका समाधान भी केंद्र सरकार और हमारे यशस्वी रसायन और उर्वरक मंत्री जी कर रहे हैं. हर हफ्ते बैठक होती है हमारे फर्टिलाइज़र सेक्रेटरी, एग्रीकल्चर सेक्रेटरी की. दवाई बनी कहां, किस कंपनी ने बनाई है, जड़ तक जाएंगे और कठोरतम कार्रवाई होगी. नकली खाद और नकली पेस्टिसाइड के खिलाफ भी कठोरतम कार्रवाई का राज्य के मंत्रियों ने भी फैसला लिया है कि हम लोग गड़बड़ होती है, वहां कार्रवाई करेंगे.