Haryana: पराली जलाना पड़ा भारी, दो सीजन तक MSP पर उपज नहीं बेच पाएंगे 38 किसान

Haryana: पराली जलाना पड़ा भारी, दो सीजन तक MSP पर उपज नहीं बेच पाएंगे 38 किसान

करनाल के डिप्टी डायरेक्टर, कृषि विभाग, डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि अभी तक 9 एफआईआर दर्ज कर चुके हैं और एमएफएमबी पोर्टल पर किसानों की रेड एंट्री दर्ज कर दी गई है. सैटेलाइट डेटा के अनुसार, अब तक 67 एक्टिव आग वाले स्थान (एएफएल) रिपोर्ट किए गए हैं, जिनमें से 10 मामले नहीं पाए गए, जबकि 10 दुर्घटनावश आग लगने की घटनाएं पाई गईं.

पराली जलाने पर शुरू हो गई राजनीति पराली जलाने पर शुरू हो गई राजनीति
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 21, 2024,
  • Updated Oct 21, 2024, 1:02 PM IST

हरियाणा के करनाल में पराली जलाने को लेकर कृषि विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है. यहां कृषि विभाग ने 38 किसानों पर अगले दो सीजन तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मंडियों में उपज बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अभी हाल में कृषि विभाग की ओर से एक आदेश जारी किया गया था, उसे देखते हुए उपज बिक्री पर प्रतिबंध की ये कार्रवाई की गई है. हालिया सर्कुलर में कृषि विभाग ने कहा था कि जिन किसानों को खेत में पराली जलाते पकड़ा जाएगा, उन किसानों पर एफआईआर किए जाने के अलावा मंडियों में एमएसपी पर उपज बिक्री से भी रोका जाएगा. कृषि विभाग के निदेशक की ओर से यह सर्कुलर जारी किया गया था. उसके बाद ही करनाल में 38 किसानों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है.

सर्कुलर में आदेश दिया गया कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ ई-मंडी पोर्टल पर रेड एंट्री दर्ज होगी जिससे किसान अपनी उपजों को मंडी में नहीं बेच पाएंगे. इसी के आधार पर 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' (MFMB) पोर्टल पर 38 किसानों के खिलाफ रेड एंट्री दर्ज कर दी गई है. इसका नतीजा होगा कि ये सभी किसान ई-खरीद पोर्टल पर एमएसपी पर अपनी उपज नहीं बेच पाएंगे.

अधिकारियों को हिदायत

पराली जलाने पर एफआईआर और रेड एंट्री के अलावा उन अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है जो ड्यूटी में कोताही बरतते पाए जाएंगे. अधिकारियों को निगरानी करने का काम दिया गया है ताकि किसी भी इलाके में किसान पराली न जलाएं. इसके लिए किसानों को पराली जलाने के नुकसान बताने से लेकर उन्हें सीआरएम मशीनों के लिए प्रोत्साहित करने का जिम्मा दिया गया है.

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करनाल के डिप्टी डायरेक्टर, कृषि विभाग, डॉ. वजीर सिंह ने 'दि ट्रिब्यून' से कहा कि अभी तक 9 एफआईआर दर्ज कर चुके हैं और एमएफएमबी पोर्टल पर किसानों की रेड एंट्री दर्ज कर दी गई है. सैटेलाइट डेटा के अनुसार, अब तक 67 एक्टिव आग वाले स्थान (एएफएल) रिपोर्ट किए गए हैं, जिनमें से 10 मामले नहीं पाए गए, जबकि 10 दुर्घटनावश आग लगने की घटनाएं पाई गईं. एक मामला जिले के बाहर दर्ज किया गया. पराली जलाने के नियमों का उल्लंघन करने पर कुल 39 किसानों पर 1,07,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

क्या कहा कृषि विभाग ने?

डिप्टी डायरेक्टर, एग्रीकल्चर (DAA) ने बताया कि करनाल तहसील क्षेत्र में 11 किसानों पर 27,500 रुपये, इंद्री तहसील क्षेत्र के आठ किसानों पर 22,500 रुपये, नीलोखेड़ी तहसील क्षेत्र के दो किसानों पर 7,500 रुपये, घरौंडा क्षेत्र में 11 किसानों पर 30,000 रुपये, बल्लाह तहसील क्षेत्र में एक किसान पर 2,500 रुपये, असंध तहसील में दो किसानों पर 7,500 रुपये और निसिंग क्षेत्र में चार किसानों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

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डीडीए, डॉ. सिंह ने कहा, "हमने पराली जलाने की घटनाओं की जांच करने और किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए अपनी टीमों का विस्तार करके 550 सदस्यों का दल बनाया है, जिसमें कृषि, राजस्व और पंचायत विभागों के कर्मचारी शामिल हैं." करनाल के डीसी उत्तम सिंह ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.

 

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