
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार की ओर से आए दिन जमीन से जुड़े मामलों को लेकर कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. एक ओर जहां जमीनों के सुधार को लेकर काम किए जा रहे हैं, वहीं अब विभाग की ओर से एक नया और ऐतिहासिक फैसला लिया गया है. इसके तहत राज्य में राजस्व अभिलेखों की सत्यापित (नकल) प्रति प्राप्त करने की पारंपरिक भौतिक प्रणाली को समाप्त करते हुए 1 जनवरी से अब केवल भू-अभिलेख पोर्टल के माध्यम से डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतियां ही जारी की जाएंगी, जिन्हें कानूनी रूप से सत्यापित प्रतिलिपि के रूप में मान्यता प्राप्त होगी.
इसे लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, समाहर्त्ताओं, जिला अभिलेखागारों के प्रभारी पदाधिकारियों और अंचल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किया है.
उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अब लोगों को सत्यापित नकल के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतियां पूरी तरह वैधानिक हैं और हर जगह मान्य होंगी. उन्होंने बताया कि विभाग का यह निर्णय आम नागरिकों की सुविधा, काम में पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में एक निर्णायक कदम है.
इस निर्णय के बाद लोग घर बैठे ही अपनी जमीन से जुड़े किसी भी प्रकार के दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकेंगे. यदि कोई राजस्व अभिलेख ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है, तो नागरिक ऑनलाइन मांग दर्ज कर सकते हैं, जिसे सत्यापन के बाद डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति के रूप में पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाएगा.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार की ओर से पेपरलेस यानी डिजिटल बिहार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. हाल के समय में आवेदन, स्टाम्प शुल्क, पंजी में प्रविष्टि, आदेश प्राप्ति और अंततः नकल निकाले जाने तक 7 से 14 दिनों का समय लग जाता था. वहीं अब ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए यह काम कुछ मिनटों या कुछ घंटों में संभव हो जाएगा.
विभाग ने स्पष्ट किया है कि भू-अभिलेख पोर्टल पर उपलब्ध डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतियां पूरी तरह वैधानिक हैं. यह व्यवस्था राजस्व परिषद, बिहार की 26 जून 2024 की अधिसूचना के अनुरूप है, जिसके तहत ऑनलाइन निर्गत और डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित दस्तावेजों को प्रमाणित प्रतिलिपि माना गया है.
विभाग की ओर से जमीन से जुड़े मामलों के निपटारे को लेकर शुरू किए गए भूमि सुधार जनकल्याण संवाद कार्यक्रम का आयोजन पूर्णिया के प्रेक्षागृह सह आर्ट गैलरी में सुबह 11:00 बजे से अपराह्न 2:30 बजे तक किया जाएगा. 26 दिसंबर को आयोजित होने वाले इस संवाद कार्यक्रम में शिकायतकर्ताओं का रजिस्ट्रेशन सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक स्वीकार किया जाएगा.
वहीं, द्वितीय पाली में अपराह्न 3:30 बजे से 5:00 बजे तक राजस्व विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों के साथ समीक्षा बैठक पूर्णिया समाहरणालय के महानंदा सभागार में आयोजित की जाएगी. बैठक में दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस, ई-मापी समेत सभी ऑनलाइन सेवाओं की स्थिति की आंकड़ों के साथ समीक्षा की जाएगी.