
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने का राज्य सलाहकारी मूल्य (SAP) बढ़ाए जाने पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है. बयान देते हुए उन्होंने एनडीए के चुनावी नारे- ‘अबकी बार, 400 पार’ पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर गन्ने के दाम में 10 रुपये और बढ़ा दिए होते तो दर 400 रुपये के पार चली जाती और यूपी देश में नंबर एक पर पहुंच जाता. टिकैत ने कहा कि किसानों को राहत देने के लिए सरकार को आगामी चुनाव से पहले गन्ने के दाम में 50 रुपये की और बढ़ोतरी करनी चाहिए, क्योंकि महंगाई लगातार बढ़ रही है और किसान भारी दबाव में हैं.
उन्होंने कहा, “अरे भाई, जबरदस्ती कहलवाना हो तो कहलवालो, नहीं तो महंगाई बहुत बढ़ रही है. किसानों पर लाठी बज रही है, खाद के दाम बढ़ गए हैं, पैसे कम हैं. 400 के पार करने के लिए थोड़ा सा सहारा और लगा देते 10 रुपये का तो देश में नंबर एक पर आ जाते.”
बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि अगर सरकार चाहती तो इस बार भी हरियाणा के बराबर दर तय की जा सकती थी. उन्होंने कहा, “देखो, महंगाई इतनी बढ़ रही है, या तो महंगाई कम हो या गन्ने के दाम और बढ़ाए जाएं. 400 पार कर देते तो किसानों का मनोबल भी बढ़ता. 10 रुपये और जोड़ देते तो झटका सा होता, 40 रुपये बढ़े हैं, आगे चुनाव का वक्त है, सरकार को हिम्मत दिखानी चाहिए.”
राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि चर्चा चल रही है कि योगी जी केंद्र में जाएंगे और गृह मंत्री बनेंगे, लेकिन उम्मीद है कि उससे पहले वे गन्ने का रेट 50 रुपये और बढ़ाकर जाएंगे. टिकैत ने कहा, “योगी जी को केंद्र में भेजने से पहले गन्ने का दाम 400 पार कर देना चाहिए. इससे किसानों को राहत मिलेगी और सरकार का प्रचार भी होगा.”
टिकैत ने यह भी कहा कि जो 30 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, वह पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि महंगाई जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसके हिसाब से किसानों की आमदनी नहीं बढ़ रही. महंगाई को सोने, चांदी, खाद, बीज, कपड़े, बिस्किट हर चीज से जोड़कर देखो, सब कुछ बढ़ गया है, लेकिन गन्ने के दाम उतने नहीं बढ़े.
उन्होंने कहा कि किसान खुश नहीं हैं, क्योंकि फसलों की लागत लगातार बढ़ रही है जबकि दाम अपेक्षाकृत कम बढ़ते हैं. खाद, बीज और दवाइयों के दाम बढ़ने से किसानों पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है. टिकैत ने कहा कि सरकार को महंगाई पर नियंत्रण करना चाहिए और किसानों के हित में गन्ने की कीमत में और इजाफा करना चाहिए, ताकि किसानों को उनकी लागत और मेहनत का उचित मूल्य मिल सके. राकेश टिकैत ने उम्मीद जताई कि सरकार आगामी चुनाव से पहले गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचाने पर विचार करेगी, जिससे किसानों को राहत और प्रोत्साहन दोनों मिल सके.