Sugarcane Payment: रुक जाएगा गन्‍ना किसानों का भुगतान', ISMA ने सरकार को गिनाए कारण, उठाई ये बड़ी मांगें

Sugarcane Payment: रुक जाएगा गन्‍ना किसानों का भुगतान', ISMA ने सरकार को गिनाए कारण, उठाई ये बड़ी मांगें

ISMA Demands: इथेनॉल आवंटन में भारी कटौती और शुगर MSP छह साल से स्थिर रहने पर ISMA ने चेताया कि मिलों की नकदी स्थिति बिगड़ सकती है, जिससे गन्ना किसानों के भुगतान रुकने का खतरा है. संघ ने सरकार से MSP संशोधन, इथेनॉल मूल्य बढ़ाने और आवंटन संतुलन की मांग की है.

Advertisement
'...रुक जाएगा गन्‍ना किसानों का भुगतान', ISMA ने सरकार को गिनाए कारण, उठाई ये बड़ी मांगेंISMA ने एक बार फिर सरकार के सामने उठाई ये मांगें (सांकेतिक तस्‍वीर)

भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने चेतावनी दी है कि इथेनॉल आवंटन में भारी कमी और शुगर के न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) में पिछले छह वर्षों से कोई बढ़ोतरी न होने से चीनी उद्योग गंभीर आर्थिक संकट में फंस सकता है. इस स्थिति में मिलों की नकदी तरलता घटेगी, जिससे गन्ना किसानों के भुगतान में देरी और बकाया बढ़ने का खतरा है. ISMA के अनुसार, 2025-26 के इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) में कुल 1049 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता के मुकाबले सिर्फ 289 करोड़ लीटर (28%) चीनी आधारित इथेनॉल को आवंटित किया गया है, जबकि 760 करोड़ लीटर (72%) अनाज आधारित इथेनॉल को दिया गया है.

संघ ने कहा कि यह आवंटन नीति आयोग के 2021 के जैव ईंधन रोडमैप के उलट है, जिसमें 2025-26 तक ई20 (20% इथेनॉल मिश्रण) लक्ष्य के लिए 55% योगदान चीनी क्षेत्र से आने का अनुमान लगाया गया था. ISMA का कहना है कि चीनी उद्योग ने सरकार की नीति के अनुसार 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर करीब 900 करोड़ लीटर की इथेनॉल क्षमता तैयार की है.

अब अगर चीनी आधारित आवंटन में इतनी कटौती की गई तो अधिकांश डिस्टिलरी आधी क्षमता से भी कम पर चलेंगी. इससे करीब 34 लाख टन कम चीनी डायवर्जन होगा और बाजार में चीनी की अधिकता से भाव गिरेंगे, जिससे मिलों की आर्थिक हालत कमजोर होगी और किसानों को भुगतान में देरी होगी.

इथेनॉल कीमतों में लागत से मेल नहीं

ISMA ने कहा कि पिछले दो साल में गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (FRP) 305 रुपये से बढ़कर 355 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है, यानी करीब 16.5% की बढ़ोतरी, लेकिन इथेनॉल की खरीद कीमतें अब तक नहीं बढ़ाई गईं. संघ के अनुसार, बी-हेवी शीरे से इथेनॉल की उत्पादन लागत ₹66.09 प्रति लीटर और गन्ना रस (Juice) से ₹70.70 प्रति लीटर है, जबकि सरकार इनकी खरीद 60.73 रुपये और 65.61 रुपये प्रति लीटर पर कर रही है. इससे 5 रुपये प्रति लीटर तक का नुकसान हो रहा है, जिससे इथेनॉल उत्पादन आर्थिक रूप से नुकसानदायक बन गया है. ISMA का कहना है कि अगर यह स्थिति जारी रही, तो कई मिलें इथेनॉल उत्पादन बंद करने को मजबूर होंगी, जिससे किसानों को भुगतान करने में और कठिनाई आएगी.

शुगर MSP 6 साल से स्थिर, लागत 40 रुपये के पार

संघ ने बताया कि फरवरी 2019 से शुगर का MSP 31 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है, जबकि इस अवधि में गन्ने का FRP 275 रुपये से बढ़कर 355 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. यानी लगभग 29% की वृद्धि. इसके चलते चीनी की उत्पादन लागत ₹40.24 प्रति किलो तक पहुंच गई है, लेकिन बाजार में कीमतें 38 रुपये प्रति किलो से नीचे जाने का खतरा है. इस असंतुलन से मिलों की नकदी संकट बढ़ेगा, जिससे 2025-26 के सीजन में बकाया गन्ना भुगतान का पहाड़ खड़ा हो सकता है.

ISMA की सरकार से मांगें

  • ISMA ने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है और निम्न कदम उठाने की अपील की है:
  • इथेनॉल आवंटन में संतुलन लाकर कम से कम 50% हिस्सा चीनी आधारित फीडस्टॉक को दिया जाए.
  • दूसरे चक्र (Cycle 2) के लिए 150 करोड़ लीटर इथेनॉल चीनी रस और बी-हेवी शीरे से खरीदने का आदेश जारी किया जाए.
  • इथेनॉल खरीद मूल्य में वृद्धि की जाए ताकि लागत के अनुरूप उचित मुनाफा मिल सके.
  • E20 से आगे बढ़कर उच्च मिश्रण (E100) को प्रोत्साहित किया जाए और इसके लिए फ्लेक्स फ्यूल वाहनों (FFVs) व हाइब्रिड वाहनों (SHEVs) को तेजी से अपनाया जाए.
  • शुगर MSP को FRP और लागत के अनुरूप संशोधित किया जाए.
  • 2025-26 के लिए चीनी निर्यात नीति शीघ्र घोषित की जाए ताकि अतिरिक्त स्टॉक को निर्यात कर मिलों की नकदी स्थिति सुधारी जा सके.

ISMA ने कहा कि सरकार अगर समय रहते कदम नहीं उठाती है तो इथेनॉल आवंटन असंतुलन और स्थिर शुगर एमएसपी के कारण किसानों के भुगतान में गंभीर संकट पैदा हो सकता है.

संघ ने कहा, “चीनी उद्योग सिर्फ उत्पादन नहीं करता, बल्कि यह किसानों की आय, ग्रामीण रोजगार और भारत के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों से जुड़ा हुआ है. इसलिए सरकार को जल्द से जल्द नीतिगत हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि किसानों का हित, उद्योग की स्थिरता और देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता बनी रहे.”

POST A COMMENT