मंगलवार को 18वीं लोकसभा के नए सदस्यों के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम जारी रहा. इस मौके पर हेमामालिनी,असदुद्दीन औवैसी समेत कुछ सांसदों ने बतौर संसद सदस्य शपथ ग्रहण की. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा सरबजीत सिंह खालसा की है. पंजाब के फरीदकोट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे सरबजीत सिंह खालसा भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे हैं. खालसा के शपथ लेने के वीडियो वायरल हो रहे हैं और लोग कई तरह से इस पर सवाल भी उठा रहे हैं. जानिए आखिर कौन हैं सरबजीत सिंह खालसा.
सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की उनके ही घर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी. ये दोनों उनके बॉडीगार्ड्स थे. सरबजीत सिंह खालसा इनमें से ही एक बेअंत सिंह के बेटे हैं. सरबजीत ने 4 जून को आए लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की है. उन्होंने यह चुनाव निर्दलीय लड़ा था और फरीदकोट में आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार करमजीत सिंह अनमोल को 60,000 से ज्यादा वोट्स से हराया था. खालसा ने चुनाव के दौरान कहा था, 'फरीदकोट की जनता ने ही मुझसे चुनाव लड़ने के लिए संपर्क किया था.'
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मोहाली में रहने वाले खालसा ने चुनाव प्रचार के दौरान साल 2015 की बेअदबी की घटनाओं का मुद्दा उठाया था, जिसमें सिख धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की गई थी. इसके बाद विरोध प्रदर्शन हुए और फरीदकोट में बेअदबी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले दो लोगों की मौत हो गई थी. उन्होंने 'बंदी सिंह' (सिख कैदी जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है) का मुद्दा भी उठाया. सरबजीत नशीली दवाओं की समस्या, नदी का पानी, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी जैसे मुद्दे भी उठा चुके हैं.
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खालसा ने साल 2004 में बठिंडा से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें 1.13 लाख वोट मिले और वह चुनाव हार गए. इसके बाद उन्होंने बरनाला की भदौर सीट से साल 2007 के पंजाब विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ा और यहां भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. साल उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में फतेहगढ़ साहिब सीट से बसपा के टिकट पर फिर से किस्मत आजमाई लेकिन हार गए.