महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार राज्य की मानें तो वह किसानों की मदद के लिए दिन-रात काम कर रही है. सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखकर राज्य के धान उत्पादक किसानों के लिए 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर बोनस की घोषणा की है. पिछले डेढ़ साल में राज्य सरकार की तरफ से किसानों को 44,278 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है. इसके अलावा महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या की समस्या से निपटने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है. सरकार का कहना है कि वह सूखा, भारी बारिश, बेमौसम बारिश, बाढ़ और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी किसानों की मदद करती आई है.
मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि कई योजनाओं के जरिए 44,278 करोड़ रुपये बांटे गए हैं. सीएम के अनुसार छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सम्मान योजना के तहत 18,762 करोड़ रुपये की कर्जमाफी से 4.4 लाख किसानों को फायदा हुआ है. इससे पहले साल 2023 में किसानों को 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर बोनस देने की घोषणा की गई थी. शिंदे सरकार ने महाराष्ट्र में पहली बार प्याज किसानों की मदद के लिए प्याज महाबैंक की स्थापना की भी घोषणा की. इस पहल का मकसद प्याज उगाने वाले किसानों को सहायता प्रदान करना और उनकी वित्तीय स्थिरता में सुधार करना है.
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महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या भी एक गंभीर मुद्दा रहा है. इन आत्महत्याओं को रोकने के लिए एक टास्क फोर्स के पुनर्गठन की घोषणा की गई. यह टास्क फोर्स खेती को फायदेमंद बनाने और उत्पादकता बढ़ाने के तरीकों की खोज करेगी. टास्क फोर्स किसानों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए बेमौसम बारिश, सूखे और बाकी प्राकृतिक आपदाओं से फसलों की सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित करेगी. राज्य सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कृषि टिकाऊ और लाभदायक बनी रहे.
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मुख्यमंत्री ने हर प्राकृतिक आपदा के दौरान किसानों के साथ खड़े रहने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है. इसमें समय पर सहायता प्रदान करना और खेती पर प्रतिकूल मौसम की स्थिति के प्रभाव को कम करने के उपायों को लागू करना शामिल है. शिंदे की घोषणाएं महाराष्ट्र में किसानों को मदद देना और उनके स्तर को ऊपर उठाने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों को दर्शाती हैं. आर्थिक मदद, कर्ज माफी और आत्महत्या पर अंकुश लगाने जैसी प्रमुख चिंताओं को दूर करके राज्य को एक बहुत फायदेमंद कृषि क्षेत्र बनाना है.
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