विकस‍ित कृषि संकल्‍प अभियान: शिवराज ने पुणे में कई फसलों की खेती देखी, कहा- महाराष्‍ट्र के किसान प्रगतिशील

विकस‍ित कृषि संकल्‍प अभियान: शिवराज ने पुणे में कई फसलों की खेती देखी, कहा- महाराष्‍ट्र के किसान प्रगतिशील

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 मई से 12 जून तक चलने वाले "विकसित कृषि संकल्प अभियान" (VKSA 2025) की शुरुआत की है. इस अभियान का उद्देश्य देश के 1.5 करोड़ से अधिक किसानों से सीधे जुड़ना है. इस क्रम में आज वे महराष्‍ट्र के पुणे पहुंचे और यहां के किसानों, अफसरों और वैज्ञानिकों से बातचीत की. जानिए उन्‍होंने क्‍या कहा...

VKSA 2025 Shivraj Singh in PuneVKSA 2025 Shivraj Singh in Pune
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 03, 2025,
  • Updated Jun 03, 2025, 5:53 PM IST

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान 29 मई से शुरू हुए विकस‍ित कृषि संकल्‍प अभियान VKSA 2025 का नेतृत्‍व कर रहे हैं. यह अभि‍यान 12 जून तक चलेगा. इस दौरान देश के हजारों कृषि वैज्ञानिक देश के डेढ़ करोड़ से ज्‍यादा किसानों से उनके गांव-खेत पहुंचकर संवाद करेंगे. चौहान अभि‍यान को प्रमोट करने के क्रम में आज महाराष्ट्र के पुणे स्थित, नारायणगांव पहुंचे. यहां उन्‍होंने किसानों से संवाद किया. चौहान ने कहा कि मुझे यह देखकर प्रसन्नता होती है कि महाराष्ट्र के किसान प्रगतिशील हैं. उन्होंने खुद से अनुसंधान कर खेती में उन्नति के मार्ग सुनिश्चित किए हैं. हमारे अंगूर और केले आज विदेशों में निर्यात हो रहे हैं. अब हमें जलवायु परिवर्तन की चुनौती को ध्यान में रखते हुए नई किस्में विकसित करनी पड़ेंगी. इस दौरान महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव शिवाजीराव कोकाटे सहित कई अधिकारी, वैज्ञानिक और बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे.

कागज पर योजनाएं बनाने का मतलब नहीं

कृषि मंत्री चौहान ने अभि‍यान के पहले दिन ओडिशा के बाद, जम्मू-कश्‍मीर, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश, बिहार के बाद आज महाराष्ट्र के किसानों से मिले. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि जब-तक कृषि मंत्री, कृषि विभाग व वैज्ञानिक खेतों तक नहीं पहुंचेंगे, खेती को सही दिशा नहीं मिल सकती. व्यावहारिक समस्याओं का समझे बिना मात्र कागज पर योजनाएं बनाने का कोई मतलब नहीं है.

शिवराज सिंह ने कहा कि आज मैंने शिमला मिर्च की खेती, केले की खेती, मूंगफली की खेती देखी. वहां उत्पादन से लेकर उनके बाजार तक पहुंच की प्रक्रिया को समझा. वैज्ञानिकों की टीम के साथ टमाटर के खेत में भी गया, वायरस अटैक के कारण टमाटर की खेती पर जो विपरीत प्रभाव पड़ा, उसकी जानकारी भी ली.

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खेती को जीने की कोशिश: शिवराज

उन्होंने कहा कि ओडिशा से शुरुआत के बाद, मैं जम्मू गया, हरियाणा गया, उत्तर-प्रदेश गया, बिहार गया. आज मैं महाराष्ट्र आया हूं और आगे पूरे देश की परिक्रमा कर किसान भाई-बहनों से संवाद करूंगा. सभी राज्यों और क्षेत्रों की खेती की जरूरतें और चुनौतियां अलग-अलग है, जिसे गंभीरता से समझना होगा. जब से मैं कृषि मंत्री बना हूं, मेरे रोम-रोम में किसान और हर सांस में खेती है, मैं खेती जीने की कोशिश कर रहा हूं.

शिवराज ने बताया कि उन्‍होंने बढ़ते तापमान और असमय बारिश के कारण फसलों पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव से निपटने के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए वैज्ञानिकों को निर्देश दिए हैं. साथ ही अधिक तापमान प्रभाव में भी उत्पादन देने वाली टमाटर की नई किस्मों की जानकारी किसानों तक पहुंचाने के लिए कहा है.

खाद-कीटनाशकों पर किसानों को सलाह

इस दौरान चौहान ने कीटनाशकों और उर्वरकों के सही और संतुलित इस्‍तेमाल को लेकर भी चर्चा की. साथ ही कहा कि सरकार नकली कीटनाशकों और उर्वरकों पर रोक के लिए कड़ा कानून बनाने की दिशा में भी का कर रही है, जो भी कंपनियां या लोग नकली उर्वरक या कीटनाशक बनाते हुए पकड़े जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के अंतर्गत आलू, प्याज और टमाटर के संबंध में केंद्र की नई योजना की भी जानकारी दी.

दूसरे राज्‍यों में फसल बेचने पर ट्रांसपोर्ट खर्च देती है सरकार

बताया कि अगर आलू, प्याज और टमाटर का उत्पादन करने वाले किसानों को अपने क्षेत्र की तुलना में उन राज्यों में जहां उन्हें अधिक दाम मिल रहा है तो ऐसी स्थिति में परिवहन में होने वाली परिचालन लागत का खर्चा केंद्र सरकार उठाएगी. ऐसा तालमेल करने से किसानों को भी उचित दाम मिल जाएगा और जिस क्षेत्र में दाम अधिक है वहां उत्पादन पहुंचने से दाम भी संतुलित हो जाएंगे.

चौहान ने टमाटर और अंगूर की अधिक सेल्फ लाइफ वाली किस्म विकसित करने और प्रोसेसिंग की दिशा में शोध के लिए भी वैज्ञानिकों को निर्देश दिए. साथ ही साथ सोयाबीन के उत्पादन में भी नए प्रयोग करने की बात कही. केंद्रीय कृषि मंत्री ने पुणे के नारायणगांव में केंद्रीय कृषि मंत्री ने टमाटर के खेतों में जाकर किसानों से मुलाकात की, मंडी का दौरा किया, पौधारोपण किया और पदयात्रा भी निकाली.

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