पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को चेतावनी दी कि अगर नंगल बांध पर अधिकारियों को भेजना जारी रहा तो हिंसा या कुछ अप्रिय घटना होने पर बीजेपी और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) जिम्मेदार होंगे. उन्होंने इस मसले पर किसान यूनियनों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया. मान को जब पता चला कि बीबीएमबी के अधिकारी हरियाणा को पानी छोड़ने के लिए फिर से वहां पहुंचे हैं तो वह रूपनगर जिले के नंगल बांध की ओर चल पड़े. पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस के नेतृत्व में आप कार्यकर्ताओं और कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने पड़ोसी राज्य को पानी छोड़ने के अधिकारियों के प्रयास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
पंजाब और हरियाणा पानी के बंटवारे को लेकर आमने-सामने हैं. पंजाब में आप के नेतृत्व वाली सरकार ने भाखड़ा बांध से पानी साझा करने से इनकार करते हुए कहा है कि हरियाणा पहले ही अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर चुका है. मान ने राज्य की नदियों की सुरक्षा पर किसान यूनियनों की चुप्पी पर भी निशाना साधा है. नांगल बांध पर मीडिया को संबोधित करते हुए मान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक तरफ पंजाब अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर दुश्मनों का डटकर मुकाबला कर रहा है और दूसरी तरफ केंद्र की बीजेपी सरकार 'गंदे खेल' खेल रही है. राज्य को उसके पानी से वंचित करने के लिए नखरे कर रही है.
भाखड़ा बांध के नीचे स्थित नांगल बांध पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मान ने पंजाब के किसान संघों पर राज्य के पानी की रक्षा के लिए चुप्पी साधने के लिए कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, 'हम किसानों के लिए पानी बचाने की कोशिश कर रहे हैं. अब किसान संघ कहां हैं? उन्होंने पंजाब के जल के समर्थन में एक भी बयान जारी नहीं किया है. हम अकेले लड़ेंगे.' उन्होंने कहा, 'वे केवल 'धरना' देना चाहते हैं और राजमार्गों को रोकना चाहते हैं. यहा आओ. हम यहां हैं. हम कृषि क्षेत्रों के लिए पानी बचा रहे हैं.'
सीएम मान ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है और संकट के समय इससे बचना चाहिए.' मान ने कहा कि पंजाब सरकार सीमा और राज्य के पानी की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. बीबीएमबी के प्रयासों की निंदा करते हुए मान ने बीजेपी और बीबीएमबी को चेतावनी दी कि वे नांगल बांध पर अधिकारियों को बार-बार भेजकर कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश न करें. मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर कोई अप्रिय घटना होती है, जान-माल का नुकसान होता है या हिंसा होती है, तो इसके लिए बीबीएमबी और बीजेपी जिम्मेदार होंगे.' यह पूछे जाने पर कि क्या पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी, मान ने पूछा कि जब पानी के बंटवारे के लिए ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है तो राज्य किस आदेश को चुनौती देगा.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सात मई को पंजाब और उसके विभागों, जिनमें पुलिस कर्मी भी शामिल हैं, को भाखड़ा-नांगल बांध और लोहंद कंट्रोल रूम वॉटर रेगुलेशन ऑफिसेज के रोजाना के कामकाज, ऑपरेशन और रेगुलेशन में 'हस्तक्षेप' करने से रोक दिया था जिनका प्रबंधन बीबीएमबी करता है. बेंच ने पंजाब को दो मई को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के फैसले का पालन करने का निर्देश दिया. एक सवाल के जवाब में मान ने कहा कि उनकी सरकार बीबीएमबी के पुनर्गठन की मांग करेगी. एक और सवाल के जवाब में मान ने कहा कि राज्य सरकार पिछले कुछ वर्षों में बीबीएमबी को दिए गए फंड का ऑडिट भी मांगेगी. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने करदाताओं की गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल अपने खुद के फायदों के लिए किया है.