पंजाब में लैंड पूलिंग पॉलिसी रद्द होने से किसानों में खुशी, आंदोलन पर दिया ये बयान

पंजाब में लैंड पूलिंग पॉलिसी रद्द होने से किसानों में खुशी, आंदोलन पर दिया ये बयान

पंजाब सरकार ने विवादित लैंड पूलिंग नीति को वापस ले लिया है. किसानों और विपक्ष के विरोध के बाद यह फैसला हुआ, जिससे यह आंदोलन किसानों की बड़ी जीत बन गया.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 12, 2025,
  • Updated Aug 12, 2025, 3:21 PM IST

पंजाब सरकार द्वारा लाई गई लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ किसानों और विपक्षी दलों ने मिलकर जबरदस्त आंदोलन किया. इस नीति के तहत सरकार लगभग 65,533 एकड़ भूमि अधिग्रहित करना चाहती थी, जिसे लेकर किसानों में गहरी नाराज़गी थी. किसान संगठनों ने इसे किसानों की ज़मीन छीनने की साजिश बताया और सड़कों पर उतर आए. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इस नीति पर सवाल उठाए और सरकार को फटकार लगाते हुए अंतरिम रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि यह नीति बिना पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव का आकलन किए ही लागू कर दी गई थी, जो सरासर गलत है. अगली सुनवाई 10 सितंबर को होनी है.

विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक झटका

पंजाब में अगले विधानसभा चुनाव सिर्फ 17 महीने दूर हैं. ऐसे समय में नीति की वापसी को आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जबकि यह किसान संगठनों और विपक्षी दलों के लिए एक बड़ी जीत है.

संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य संगठनों का योगदान

इस आंदोलन की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने की, जो पहले भी केंद्र की तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में शामिल था. SKM, KMSC जैसे संगठनों की मोटरसाइकिल रैलियों और धरनों ने सरकार पर भारी दबाव बनाया.

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि यह जीत सभी किसानों और मजदूरों की है लेकिन उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार इसे हमेशा के लिए रद्द करने की लिखित घोषणा करे.

कांग्रेस, बीजेपी और अकाली दल का बयान

  • विपक्ष ने इस नीति की वापसी को आम आदमी पार्टी की राजनीतिक असफलता बताया.
  • कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर राजा वड़िंग ने कहा कि नीति को बिना सोच-समझ के लागू किया गया और अब जनता का पैसा लाखों रुपये विज्ञापनों में बर्बाद हुआ.
  • अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इसे सभी पंजाबियों की जीत बताया और कहा कि AAP सरकार ने किसानों की जमीनें हड़पने की साजिश रची थी.
  • भाजपा नेताओं ने इसे दिल्ली की लैंड माफिया की साजिश बताया, जो भारी जनदबाव में नाकाम हुई.

किसानों की मांग, पूरी तरह से खत्म हो नीति

डॉ. दर्शन पाल, एक अन्य किसान नेता ने कहा कि पंजाब पहले से ही कृषि संकट से जूझ रहा है. सरकार को इस तरह की नीतियों से पहले किसानों और विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इसे पूरी तरह से डिनोटिफाई नहीं करती, वे पूरी तरह संतुष्ट नहीं होंगे.

किसानों की आवाज बनी ताकत

लैंड पूलिंग नीति की वापसी इस बात का प्रतीक है कि जब किसान और आम लोग एकजुट होकर अपनी बात रखते हैं, तो सरकार को झुकना ही पड़ता है. यह फैसला न सिर्फ पंजाब के किसानों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज़ सबसे ऊपर होती है.

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