किसान आंदोलन को लेकर पंजाब से सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर है. सूत्रों के मुताबिक, मान प्रशासन किसानों के आंदोलन या किसान नेताओं के साथ बातचीत के दौरान सख्त रुख अपनाएगा. आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मान प्रशासन को किसान नेताओं के साथ बातचीत के दौरान आत्मसमर्पण न करने के संकेत दिए हैं. इसके लिए आम आदमी पार्टी और सीएम भगवंत मान की सरकार ने अपना गुणा-भाग लगा लिया है और उसी के मुताबिक तैयारी की जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी को लग रहा है कि पंजाब में किसानों का आंदोलन लगातार हो रहा है, जिससे आम लोग परेशान हैं. इससे आम लोगों को कई तरह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि बिजनेस-व्यापार भी प्रभावित हो रहा है. किसानों के लगातार हो रहे आंदोलन से शहरी लोग परेशान हैं. सड़क नाकेबंदी, चक्का जाम ने कारोबारी के माहौल पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. इससे उन उद्योगों और कंपनियों का मूड खराब हो सकता है, जिन्होंने पहले ही पंजाब में निवेश कर रखा है या ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं.
सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी सरकार किसानों से बातचीत की मेज पर समझौता करने को तैयार है, लेकिन सड़क नाकेबंदी से कोई नतीजा नहीं निकलेगा. इसलिए मान प्रशासन अब किसानों से सख्त रुख अपनाते हुए धरना प्रदर्शन नहीं करने के लिए मनाएगा. अभी इसी विषय पर बैठक या समझौता होगा.
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एक दिन पहले चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जल्द शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सड़क खुलवाएंगे. उन्होंने पंजाब में किसानों के मसले पर कहा, अगर किसानों को लगता है कि सरकार की गर्दन पर घुटना रखकर अपनी मांगें मनवा लेंगे तो उनकी गलतफहमी है. अगर उनको लगता है पैरेलल सरकार चला लेंगे तो उनकी गलतफहमी है. यहां कोई 'बनाना रिपब्लिक' नहीं है.
अमन अरोड़ा ने किसानों पर बदले पंजाब सरकार के स्टैंड को लेकर कहा, हमारा कोई स्टैंड नहीं बदला है. वो आएं, हम बैठक करेंगे, लेकिन जब मोर्चा ही लगाना है तो बैठक का क्या मतलब. चंडीगढ़ इतना मॉब लेकर आने की क्या जरूरत है. 3 तारीख को भी वो चंडीगढ़ आए थे. वैसे भी आ सकते हैं. इतनी ज़्यादा तादाद में आने की क्या ज़रूरत है.
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अभी हाल में पंजाब के सीएम मान चंडीगढ़ में किसानों के साथ बैठक में शामिल हुए, लेकिन बाद में नाराज होकर मीटिंग से निकल गए. इस पर किसान नाराज हुए और उन्होंने बताया कि सीएम मान ने उनकी बात नहीं सुनी. सीएम मान ने किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया. दूसरी ओर, सीएम मान ने बताया कि उन्होंने किसानों से बात करने की कोशिश की, मगर किसान धरने और आंदोलन पर उतारू थे. इसलिए वे मीटिंग छोड़कर बाहर आ गए. बाद में सीएम मान ने यह भी कहा कि उनकी नरमाई को कमजोरी ना समझी जाए. इस पर किसान नाराज दिखे और यह उनकी नाराजगी अभी तक जारी है.
(अमित भारद्वाज की रिपोर्ट)