महाराष्ट्र के प्याज किसानों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. राज्य के कृषि मंत्री मनिकराव शिवाजीराव ने प्याज किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की है. यह बैठक किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण मुद्दों और मांगों को लेकर की गई. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने खुद अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर जानकारी दी कि महाराष्ट्र के कृषि मंत्री ने उनसे मुलाकात की और प्याज किसानों की समस्याएं विस्तार से बताईं. इस दौरान किसानों की परेशानियों को कम करने और उन्हें बेहतर समर्थन देने के लिए कुछ जरूरी मांगें भी रखी गईं.
राज्य सरकार ने एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के बजाय सीधे एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समिति) के माध्यम से प्याज खरीदने का आग्रह किया है. इसका मकसद है किसानों को सीधा लाभ पहुंचाना और बिचौलियों की भूमिका को कम करना.
इसके साथ ही कृषि मंत्री ने प्याज से जुड़ी निर्यात नीति (Export Policy) और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) की भी समीक्षा करने की मांग की. इससे प्याज के व्यापार में पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानों को बेहतर मूल्य मिल सकेगा.
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि उन्होंने संबंधित विभाग को इन मांगों पर तुरंत काम करने के निर्देश दे दिए हैं. उन्होंने कहा, "हम किसानों के हितों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और जल्द ही इन मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई होगी."
किसान संगठनों ने इस पहल का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि एपीएमसी के जरिए सीधी खरीद से किसानों को खुले बाजार की कीमतें मिलेंगी, जिससे प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता बढ़ेगी. इससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मुआवजा मिलने में मदद मिलेगी.
किसानों का कहना है कि एफपीओ आधारित मॉडल अपने उद्देश्यों को पूरा करने में नाकाम रहा है. इससे न तो किसानों को उचित मूल्य मिला और न ही बाजार में पारदर्शिता रही. इसलिए अब जरूरत है कि प्याज की खरीदारी का सिस्टम बदला जाए.
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम प्याज किसानों के लिए एक सकारात्मक संकेत है. अगर केंद्र सरकार इन मांगों को मानती है और सही ढंग से लागू करती है, तो इससे न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि उनके जीवन में भी बड़ा बदलाव आएगा.