Natural Farming: अमित शाह ने बताया अपना रिटायरमेंट प्‍लान, प्राकृतिक खेती पर कही बड़ी बात

Natural Farming: अमित शाह ने बताया अपना रिटायरमेंट प्‍लान, प्राकृतिक खेती पर कही बड़ी बात

अमित शाह ने अहमदाबाद में ‘सहकार संवाद’ के दौरान बताया कि रिटायरमेंट के बाद वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती में समय बिताएंगे. उन्होंने कहा कि रसायन मुक्त खेती से उत्पादन डेढ़ गुना बढ़ा और सरकार इसके लिए राष्ट्रीय सहकारी संस्था बना चुकी है.

Union Home and Cooperation Minister Amit Shah Union Home and Cooperation Minister Amit Shah
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 09, 2025,
  • Updated Jul 09, 2025, 8:00 PM IST

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को अहमदाबाद में गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आई महिला सहकारी सदस्यों के साथ 'सहकार संवाद' किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब वह रिटायर होंगे तो अपना समय वेदों, उपनिषदों और प्राकृतिक खेती के बीच बिताएंगे. रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती स्वास्थ्य, पर्यावरण और उत्पादन के लिहाज से बेहद फायदेमंद है. अपने खेतों में उन्होंने जब प्राकृतिक खेती अपनाई तो उत्पादन में लगभग डेढ़ गुना वृद्धि हुई. उन्होंने बताया कि इस दिशा में सरकार राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्था बना चुकी है, जो प्राकृतिक उत्पादों की खरीद करेगी और निर्यात से हुए मुनाफे को सीधे किसानों के खाते में डालेगी.

सहकारी विश्‍वविद्यालय का किया जिक्र

सहकार संवाद में शाह ने त्रिभुवनदास पटेल के नाम पर बन रहे देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए कहा कि यह संस्थान युवा प्रोफेशनल्स को सहकारी क्षेत्र के लिए तैयार करेगा. उन्होंने बताया कि त्रिभुवनदास ने गुजरात में सहकारिता की नींव रखी थी, जिनके नेतृत्व में आज 36 लाख महिलाएं 80 हजार करोड़ रुपये का कारोबार कर रही हैं.

शाह ने कहा कि सहकारी डेयरी मॉडल को अब नया विस्तार दिया जा रहा है. गोबर प्रबंधन, पशु आहार, हेल्थ मैनेजमेंट और जैविक खाद, इन सभी पर एकीकृत योजना बन रही है. उन्होंने बताया कि सरकार ऐसे मॉडल पर काम कर रही है, जिसमें गांव के 500 में से 400 डेयरी किसान सहकारी संस्था से जुड़ें. इनसे गोबर लिया जाएगा, जैविक खाद और गैस बनाई जाएगी और पशुओं का वैक्सीनेशन भी सुनिश्चित होगा.

"त्रिभुवनदास का नाम भुलाया नहीं जा सकता"

शाह ने कहा कि जब संसद में यूनिवर्सिटी का नाम त्रिभुवनदास के नाम पर रखने की घोषणा हुई तो कई लोगों ने सवाल उठाया कि ये कौन हैं. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि इतने बड़े योगदान के बावजूद त्रिभुवनदास को प्रचार नहीं मिला, लेकिन उनके काम को पहचान देना जरूरी है. शाह ने यह भी अपील की कि हर सहकारी संस्था में त्रिभुवनदास की तस्वीर लगाई जाए.

पैक्स को बनाया जा रहा मल्टी-सर्विस सेंटर

अमित शाह ने बताया कि पैक्स (PACS) को अब CSC, माइक्रो एटीएम, बैंकिंग सेवा, जन औषधि केंद्र और हर घर नल जैसी 25 से ज्यादा सेवाओं से जोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पैक्स को आय अर्जन के नए विकल्प अपनाने चाहिए और ग्रामीणों को सस्ती दर पर दवाएं देने के लिए जन औषधि केंद्र की सेवाओं को और विस्तार देना चाहिए.

किसानों को MSP पर खरीद का विकल्प

शाह ने बताया कि अगर मक्का और दाल की खेती करने वाले किसान एनसीसीएफ ऐप पर पंजीकरण कराते हैं तो नाबार्ड और एनसीसीएफ किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का और दाल की खरीद कर सकते हैं और अगर किसान को बाजार में अधिक मूल्य मिल रहा है, तो वह अपनी फसल बाजार में बेच भी सकता है. 

ऊंटनी के दूध पर शोध जारी

कार्यक्रम में शाह ने जानकारी दी कि गुजरात और राजस्थान सरकार मिलकर ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों पर रिसर्च कर रही हैं. इसका मकसद ऊंट पालकों की आमदनी बढ़ाना है. उन्होंने बताया कि जब दूध की वैल्यू बढ़ेगी तो नस्ल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा.

गांव, गरीब और किसान के लिए है सहकारिता मंत्रालय

अंत में शाह ने कहा कि गृह मंत्री होना बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन जब उन्हें सहकारिता मंत्रालय मिला तो उन्हें लगा कि यह जिम्मा गृह मंत्रालय से भी बड़ा है, क्योंकि यह मंत्रालय गांव, गरीब, किसान और पशुपालकों के लिए काम करता है. उन्होंने घोषणा की कि वे तीन राज्यों में 10 और संवाद कार्यक्रम करेंगे और उनसे मिले सुझावों को मंत्रालय की नीति में शामिल किया जाएगा.

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