पंजाब के फिरोजपुर के रहने वाले 23 साल के किसान, जो करीब 15 दिन पहले अनजाने में पाकिस्तान चले गए थे, वह अब तक देश नहीं लौटे हैं. उनके परिवार ने शनिवार को विदेश मंत्रालय से अपील की है कि जल्द से जल्द उनकी सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित की जाए. फिरोजपुर के खैरे के उत्तर गांव के अमृतपाल सिंह 21 जून को भारत-पाकिस्तान सीमा पर लापता हो गए थे् वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की निगरानी में सीमा चौकी (बीओपी) राणा के पास कंटीली बाड़ के पार अपने खेत की देखभाल करने गए थे. लेकिन शाम 5 बजे के आसपास गेट बंद होने से पहले वह वापस नहीं लौटे.
बाद में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को पाकिस्तान की ओर जाते हुए मानव पैरों के निशान मिले, जिससे अनजाने में सीमा पार करने की संभावना बढ़ गई. वहीं बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ तीन से चार फ्लैग मीटिंग की हैं. रेंजर्स ने शुरू में किसी अज्ञात व्यक्ति के देखे जाने से इनकार किया था. लेकिन 27 जून को पाकिस्तानी रेंजर्स ने बीएसएफ अधिकारियों को पुष्टि की कि अमृतपाल सिंह स्थानीय पुलिस की हिरासत में है.
उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (गुरु हर सहाय) उदयदीप सिंह सिद्धू अन्य अधिकारियों के साथ शनिवार को फिरोजपुर में अमृतपाल के आवास पर गए. परिवार ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को स्थिति मालूम है और राज्य सरकार उसे पाकिस्तान से वापस लाने के लिए केंद्रीय विदेश मंत्रालय के संपर्क में है. अमृतपाल के पिता जुगराज सिंह ने जिला अधिकारियों से आग्रह किया कि राज्य सरकार को उनके बेटे की वापसी सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ इस मामले पर चर्चा करनी चाहिए.
अमृतपाल शादीशुदा हैं और उनकी तीन महीने की बेटी है. उनके पास भारतीय सीमा पर सीमा बाड़ के पार लगभग 8.5 एकड़ कृषि भूमि है. वह उस दोपहर अपनी बाइक पर निकले थे, लेकिन शाम को वापस नहीं लौटे. उनके पिता ने बताया कि बीएसएफ ने शाम ढलने से पहले उनकी तलाश में तलाशी गेट फिर से खोल दिया, लेकिन वह नहीं मिले. गर्मियों के महीनों के दौरान, किसानों को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच बीएसएफ की सख्त निगरानी में कंटीले तारों की बाड़ और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच की जमीन पर जाने की अनुमति होती है. फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर और तरनतारन सहित सीमावर्ती जिलों के कई किसानों की इस क्षेत्र में कृषि भूमि है, जिसे 'जीरो लाइन' के तौर पर जाना जाता है.
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