साल 2016 से खबरों में आए कन्हैया कुमार इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. कन्हैया का कहना है कि वह यह चुनाव क्राउडफंडिंग कैंपेनिंग की मदद से लड़ रहे हैं. मशहूर कॉमेडियन कुणाल कामरा से लेकर फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज तक और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के प्रोफेसरों से लेकर विदेशी यूनिवर्सिटीज के टीचर तक कन्हैया के इस क्राउडफंडिंग अभियान में शामिल हैं. कन्हैया का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो बार के और मौजूदा सांसद मनोज तिवारी से है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो मंगलवार दोपहर तक कन्हैया के अभियान ने 47,04,359 रुपये जुटा लिए थे. यह रकम निर्धारित लक्ष्य का 51 फीसदी है. लक्ष्य 92,50,000 रुपये का रखा गया है. जबकि अभियान खत्म होने वाला है. पिछले बुधवार को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फ्यूलड्रीम डॉट कॉम पर कन्हैया इस कैंपेन को लॉन्च किया था. उन्होंने एक वीडियो मैसेज में कहा, 'हम यह चुनाव क्राउडफंडिंग के जरिए से लड़ रहे हैं क्योंकि हमें लगता है कि लोगों की लड़ाई लोगों के समर्थन से लड़ी जा सकती है.'
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यह अभियान ऐसे समय में शुरू किया गया था जब कांग्रेस के उम्मीदवार फंडिंग के लिए संघर्ष कर रहे थे. इस महीने की शुरुआत में पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार सुचरिता मोहंती ने यह कहते हुए अपना टिकट वापस कर दिया था कि पार्टी चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं करा पाई. इसके कारण उनके पास पैसे नहीं बचे हैं. वैसे तो पार्टियों के खर्च की कोई सीमा नहीं है, लेकिन उम्मीदवारों को बड़े लोकसभा क्षेत्रों के लिए 95 लाख रुपये और छोटे क्षेत्रों के लिए 75 लाख रुपये तक की सीमा तय की गई है.
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कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट अंशुल त्रिवेदी ने कहा है कि जुटाई गई राशि का सबसे बड़ा हिस्सा छोटे दानकर्ताओं का है. दान ज्यादातर आम लोगों से आ रहा है जो सिर्फ राजनीति में भाग लेना चाहते हैं लेकिन शामिल नहीं हो सकते हैं. ये लोग सिर्फ कांग्रेस का समर्थन करना चाहते हैं. ज़्यादातर दानदाताओं ने 100-200 रुपये की छोटी राशि दी है क्योंकि कन्हैया का आधार यही है. अंशुल पर कन्हैया कुमार के अभियान की जिम्मेदारी है.
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अखबार की रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो 2037 से ज्यादा लोगों ने कन्हैया के अभियान में 100 रुपये से लेकर 500,000 रुपये तक का दान दिया है. दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश दानकर्ताओं ने अपना नाम गुप्त रखने का विकल्प चुना और ज्यादातर दानकर्ताओं ने छोटे-छोटे दान किए हैं.
कुणाल कामरा ने एक्स पर अभियान लिंक साझा करते हुए कहा, 'सभी प्यारे लोगों से जिन्होंने मुझसे पूछा कि वे मेरी मदद कैसे कर सकते हैं, मैं बस इतना ही कहता हूं कि कृप्या डॉक्टर कन्हैया कुमार के 2024 के लोकसभा चुनाव अभियान में उनका समर्थन करें.' यह पहली बार नहीं है जब कुमार ने ऑनलाइन क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया है. साल 2019 में भी उन्होंने बिहार के बेगूसराय से चुनाव लड़ते हुए 70 लाख रुपये जुटाए थे.